Upbhokta Vastuon Ka Vigyan

You Save 10%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Upbhokta Vastuon Ka Vigyan

प्रत्येक व्यक्ति जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने दैनिक जीवन में वस्तुतः उपभोक्ता होता है। उपभोक्ता वस्तुओं का प्रयोग सर्वव्यापक और नित्य क्रिया है। खाने-पीने की वस्तुओं और पहनने-ओढ़ने की चीज़ों से लेकर आवास, साफ़-सफ़ाई, सुरक्षा-बचाव, साज-सँवार तथा भोग-विलास से सम्बन्धित अनेकानेक वस्तुओं का दिन-रात निरन्तर प्रयोग किया जाता है।

दैनिक उपयोग की वस्तुओं की गुणवत्ता, संघटन, विश्वसनीयता, उपयोग के लाभालाभ, सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रभाव आदि आवश्यक तथ्यों यानी उपभोक्ता वस्तुओं के विज्ञान से उपभोक्ता प्रायः कम ही अवगत होते हैं। दूसरी तरफ़ बाज़ार की नई प्रवृत्ति ने उपभोक्ता वस्तुओं को नया रूप दिया है। अब उपभोक्ता विज्ञापन की चकाचौंध में घटिया वस्तुओं को भी वरण कर लेता है। इसकी वजह है उपभोक्ता जानकारी और मार्गदर्शन का अभाव।

यह पुस्तक उपभोक्ता वस्तुओं के बारे में कही-सुनी बातों के बजाय हमें ठोस वैज्ञानिक जानकारी देती है जिसके आधार पर हम अपने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2008
Edition Year 2008, Ed. 1st
Pages 268p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Upbhokta Vastuon Ka Vigyan
Your Rating

Author: Ramchandra Mishra

रामचन्द्र मिश्र

जन्‍म : 1941; वाराणसी।

रामचन्द्र मिश्र एक रासायनिक प्रौद्योगिकीविद्, विज्ञान लेखक तथा उपभोक्ता संरक्षण सक्रियक हैं। उपभोक्ता संरक्षण हेतु विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के प्रयोग से सम्बन्धित वे इन पदों पर कार्यरत रहे—सदस्य, केन्द्रीय औद्योगिक सलाहकार परिषद; सदस्य, सलाहकार दल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी द्वारा उपभोक्ता-संरक्षण, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग (डी.एस.टी.), भारत सरकार; संयोजक/सदस्य, विभागीय समितियाँ—(i) प्रेशर कुकर, (ii) घरेलू तेल दहन उपकरण, (iii) घरेलू तथा व्यापारिक गैस दहन उपकरण, भारतीय मानक ब्यूरो, नई दिल्ली; प्रचार-प्रभारी, इंडियन एसोसिएशन फ़ॉर एयर पोल्यूशन कंट्रोल; आजीवन सदस्य, सोसायटी फ़ॉर क्लीन इन्‍वायरनमेंट (सोक्लीन); अध्यक्ष, परीक्षण समिति, कंज्यूमर गाइडॅन्स सोसायटी ऑफ़ इंडिया, मुम्बई; सदस्य, तकनीकी समिति, पर्यावरणमित्र उत्पाद, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारत सरकार; सदस्य, सम्पादक मंडल, ‘भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान पत्रिका’ (सी.एस.आई.आर.)। अतिरिक्त कार्यभार के रूप में वे लगभग 10 वर्षों तक आई.आई.टी., मुम्बई की हिन्दी पत्रिका ‘क्षितिज’ के सम्पादक रहे। विज्ञान परिषद् प्रयाग द्वारा उन्हें ‘विज्ञान वाचस्पति’ उपाधि तथा ‘डॉ. गोरख प्रसाद विज्ञान पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

Read More
Books by this Author
Back to Top