Ummid Ab Bhi Baqui Hai

Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Ummid Ab Bhi Baqui Hai

युवा कवि रविशंकर उपाध्याय से मेरी पहली और शायद अन्तिम भी, भेंट मेरी पिछली बनारस-यात्रा (30 अप्रैल, 2014) में लाल बहादुर शास्त्री हवाईअड्डा पर हुई थी। उन्होंने अपना परिचय दिया और यह भी बताया कि वे एक कवि हैं। इससे पहले उनकी कविताएँ यहाँ-वहाँ छपी थीं, शायद उन पर मेरी निगाह पड़ी हो पर मैं उन्हें रजिस्टर नहीं कर सका था। यह भेंट प्रचंड गर्मी के बीच हुई थी, जब वे मेरी अगवानी में हवाईअड्डा आए थे। रास्ते-भर उनसे काफ़ी बातें होती रहीं। अब याद करता हूँ तो दो बातें मेरी स्मृति में ख़ास तौर से दर्ज हैं। पहली समकालीन हिन्दी कविता के बारे में उनकी विस्तृत और गहरी जानकारी और दूसरी, कुछ कवियों और कविताओं के बारे में उनकी अपनी राय। इन दोनों बातों ने मुझे प्रभावित किया था।

बाद में विश्वविद्यालय में जो कार्यक्रम हुआ, उसमें उनकी कविताएँ भी मैंने सुनीं और उन कविताओं की एक अलग ढंग की स्वरलिपि मेरे मन में अब भी अंकित है। मैं शायद दो दिन विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में रुका था और इस बीच लगातार उनसे मिलना होता रहा। उनसे मेरी अन्तिम भेंट विश्वविद्यालय परिसर में विश्वनाथ मन्दिर के बाहर एक चाय की दुकान पर हुई थी, जहाँ उनके कुछ गुरुजन भी थे। वहाँ मैंने उनकी कविता में जो एक गहरी ऐन्द्रियता और एक ख़ास तरह की गीतात्मकता है, उस पर चर्चा की थी। पर ये दो शब्द उनकी कविता की पूरी तस्वीर नहीं पेश करते। अब जब उनका पहला संग्रह आ रहा है और कैसी विडम्बना कि उनके न होने के बाद आ रहा है। इसे पढ़कर पाठकों को उनका ज़्यादा प्रामाणिक परिचय मिलेगा। रविशंकर के बारे में कहने के लिए बहुत-सी बातें हैं पर मैं चाहता हूँ कि यह संग्रह ही लोगों से बोले-बतियाए। मैं इस युवा कवि की स्मृति को नमन करता हूँ!

—केदारनाथ सिंह

 

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 88p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Author: Ravishankar Upadhyay

रविशंकर उपाध्याय

रविशंकर उपाध्याय का जन्म 12 जनवरी, 1985 को ग्राम—अकोढ़ी, ज़िला—कैमूर (बिहार) के एक मध्यवर्गीय किसान परिवार में हुआ।

इन्होंने प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा गाँव से प्राप्त की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक। यहीं से कुँवर नारायण की कविताओं पर शोध।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ‘अखिल भारतीय युवा कवि संगम’ का सफल आयोजनकर्ता।

‘पब्लिक एजेंडा’, ‘परिचय’, ‘युवा संवाद’, ‘जनपथ’, ‘संवदिया’, ‘साखी’, ‘अभिनव क़दम’, ‘बया’, ‘पक्षधर’, ‘तद्भव’, ‘प्रसंग’, ‘दैनिक जागरण’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ एवं आलेख प्रकाशित। का.हि.वि.वि. के हिन्दी विभाग की पत्रिका 'सम्भावना’ के आरम्भिक तीन अंकों का सम्पादन तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सृजनशीलता पर केन्द्रित ‘संवेद’ पत्रिका के फरवरी, 2013 अंक का अतिथि सम्पादन।

निधन : 19 मई, 2014

 

 

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