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Trikon-Hard Cover

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9789388211055
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क्या अब देश में शहर ही रहेंगे? गाँव उजड़ जाएँगे? अथवा गाँव अल्पशिक्षितों, अशिक्षितों और मूर्खों से भर जाएँगे? क्या गाँव महाभारत का अखाड़ा बन जाएँगे? आज क्यों गाँवों के लोग विस्तृत जगह-ज़मीन और बड़े मकान छोड़कर शहर में भागने के लिए बाध्य हैं? वहाँ के संकुचित और तंग जीवन को पसन्द करने के लिए कुछ विशेष लाचार और मजबूर क्यों हैं? इसका समाधान ‘त्रिकोण' उपन्यास में पूर्णत: मिलेगा।

आज छुआछूत और ऊँच-नीच की भावनाएँ मिटी हैं परन्तु जातिवाद और खटिया अपनी जगह मुकम्मल और अडिग हैं। ‘त्रिकोण’ उपन्यास दोनों के बीच एक धुरी की तरह स्थित गाँवों के दोनों कालखंडों के विश्लेषण और समाधान में अनोखा और विलक्षण है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 208p
Price ₹500.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Ramkeval Sharma

Author: Ramkeval Sharma

रामकेवल शर्मा

जन्म : 21 नवम्बर, 1955; ग्राम–बरडीहा, डाकघर–माटीगाँव, जनपद–चन्दौली (वाराणसी) उ.प्र.।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) बी.एड., पी-एच-डी., साहित्याचार्य।
प्रकाशित कृतियाँ : कहानी-संग्रह–‘कापर करूँ सिंगार’, ‘चितवन की छाँव’; उपन्यास–‘गाँव की ओर’, ‘चन्द्रेश्वरदास’, ‘कड़ाह की ताई’, ‘गजाला’। बहुत-सी कहानियाँ और निबन्ध देश-विदेश के पत्र-पत्रिकाओँ में प्रकाशित।
सम्मान : ‘हिन्दी भाषा-भूषण’ (राजस्थान) से विभूषित।
अवकाश प्राप्त शिक्षक एवं गाँव में रहकर स्वतंत्र लेखन।

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