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Teen Samandar Paar-Paper Back

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सिल्विया, प्रशांत वर्मा, स्मिथ, कामता प्रसाद, रॉबिन–ये वे पाँच मुख्य चरित्र हैं जो आपस में मिलकर राजनीतिक त्रिकोण के समानांतर एक चौथा कोण निर्मित करते हैं–यलगार का। सियासत की इस शतरंज की बिसात बिछी है एक छोटे से, प्यारे से खूबसूरत देश त्रिनिदाद में। इस बिसात के बरक्स लेकिन इससे छिटककर एक निश्छल प्रेम कहानी भी विकसित हो रही है–तीन समंदर पार।

उपन्यास के लेखक राजीव शुक्ला के नाम से साहित्य के नियमित पाठक अचकचा सकते हैं लेकिन सघन और विविध अनुभवों से संपन्न, पत्रकारिता में लंबी चमकदार पारी खेल चुके, राजनीति के शिखर पर चहलकदमी करने वाले किसी शख्स का अंततः लेखकीय रूपांतरण असहज नहीं है बल्कि संभाव्य है। तेज रफ्तार से बहने वाले इस उपन्यास में उतरिए, आप हतप्रभ रह जाएँगे।

जाहिर तौर पर ब्रूटस की वापसी इस यात्रा का अहम पड़ाव है। सौ झूठ रचकर और छल से हासिल की गई सत्ताएँ आखिरकार एक दिन ध्वस्त हो जाती हैं। इस शाश्वत नियम को सिद्ध करने की चुनौतियाँ बयान करने में उन्होंने बहुत मुखर ढंग से सत्ता के खेल का अहम जरिया बन चुकी पत्रकारिता, क्रिकेट और फिल्मों के सुपरिचित चेहरों से समर्थन जुटाने की कवायद, पार्टी की ब्रांडिंग और इवेंट मैनेजमेंट में तब्दील हो चुकी राजनीतिक गतिविधियों को बखूबी बेपर्द किया है।

सत्ता तक पहुँचने के तमाम प्रचलित तरीकों का छद्म उजागर करते हुए राजीव इस कहानी के अंत में पाठकों को जहाँ ले जाकर खड़ा करते हैं वह इस बात की आश्वस्ति है कि ढोंग और स्वाँग रचने वाला जननायक एक न एक दिन जनता के आगे बेनकाब हो ही जाता है।

यही इस रोचक उपन्यास का सत्य है और सार भी।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 231p
Price ₹299.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Author: Rajiv Shukla

राजीव शुक्ला

भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री एवं 18 वर्ष तक राज्यसभा सांसद रहे राजीव शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ। पिता रामकुमार शुक्ल शहर के जाने-माने वकील थे।

एम.ए. (अर्थशास्त्र) और एल-एल.बी. की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कानपुर में ही ‘दैनिक जागरण’, ‘सत्य-संवाद’, ‘नार्दन इंडिया’ में पत्रकारिता की। दिल्ली में ‘जनसत्ता’ और ‘साप्ताहिक रविवार’ में कार्य किया। प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी पत्रिका ‘संडे’ के राजनीतिक संपादक और ‘संडे ऑब्ज़र्वर’ के संपादक रहे। इसके बाद टेलीविज़न की दुनिया में क़दम रखा जहाँ देश-विदेश की हस्तियों के साक्षात्कार पर आधारित उनका टीवी शो ‘रू-ब-रू’ अत्यंत लोकप्रिय रहा। दूरदर्शन पर भी उनके कई लोकप्रिय कार्यक्रम आए।

वर्ष 2000 में राजनीति में उतरे। वर्ष 2018 तक राज्यसभा सदस्य रहे। मनमोहन सिंह सरकार में संसदीय कार्य एवं योजना मंत्री रहे। अब कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमि‍टी के सदस्य हैं और संगठन के कई महत्त्वपूर्ण पद सँभाल रहे हैं।

क्रिकेट से विशेष लगाव है। बीते तीन दशक में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में उपाध्यक्ष सहित कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। छह वर्ष तक इंडियन प्रीमियर लीग ‘आईपीएल’ के चेयरमैन भी रहे।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके कॉलम काफ़ी लोकप्रिय हुए। ‘संडे मैगज़ीन’ में पॉवर प्ले, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में फ्रंट फुट और ‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित इनके कॉलम चर्चित हैं।

फ़िलहाल राजनीति, क्रिकेट प्रशासन और लेखन में सक्रिय हैं।

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