Stree Tatha Anya Kahaniyan

Author: S. K. Pottekat
Translator: P. Krishnan
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Stree Tatha Anya Kahaniyan

साहित्य अकादेमी’ और ‘ज्ञानपीठ’ सहित अनेक पुरस्कारों-सम्मानों से विभूषित मलयालम कथाकार एस.के. पोट्टेक्काट की यह पुस्‍तक ‘स्‍त्री तथा अन्‍य कहानियाँ’ उनकी कुछ चर्चित कहानियों का संकलन है। ‘स्त्री’ इनमें सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली और प्रशंसित कहानियों में से एक है।

प्रेम, कामना, समर्पण और विश्वास जैसे मनोभावों को गहरे तक अनुभूत करानेवाली लम्बी कहानी ‘स्त्री’ प्रेम के साथ मानव व्यवहार की कई जटिल परतों को भी खोलती है। यह विशेषता पोट्टेक्काट की लगभग सभी रचनाओं में देखने को मिलती है। इसी संग्रह में शामिल कहानी ‘हमीद ख़ान’ दक्षिण भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव और अविश्वास दोनों को बहुत छोटे कलेवर, लेकिन अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से रेखांकित करती है।

इसी तरह ‘पदचाप’ शीर्षक कहानी पति-पत्नी के सम्बन्धों के साथ-साथ नियति की आकस्मिकता का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि पोट्टेक्काट का जीवन अनुभव अत्यन्त व्यापक है। वे यात्रा-प्रेमी भी थे जिसके चलते न सिर्फ़ उनकी अनुभूतियों का क्षेत्र बहुत व्यापक है, बल्कि उनकी कहन में भी कहीं दोहराव नहीं दिखाई देता।

मलयालम से यह अनुवाद भी कहीं कृत्रिमता का आभास नहीं देता है।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2007
Edition Year 2007, Ed. 1st
Pages 120p
Translator P. Krishnan
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 18 X 12 X 1
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Author: S. K. Pottekat

एस.के. पोट्टेक्‍काट्ट

पूरा नाम शंकरन कुट्टी पोट्टेक्काट्ट
जन्म : 14 मार्च, 1913; कालीकट, केरल।
विशेष : सन् 1962 में लोकसभा के सदस्य चुने गए। 1971 में केरल साहित्य अकादेमी के सभापति मनोनीत किए गए। अपने प्रगतिवादी विचारों के कारण वे सोवियत रूस की भी यात्रा कर चुके थे। वहाँ उनकी कई रचनाओं के अनुवाद हुए।
प्रमुख कृतियाँ : ‘ओरु तेरर्शवंटे कथा’, ‘ओरु देसाथिंटे कथा’, ‘नादान प्रेमम्’, ‘चन्‍द्रकान्‍तम्’,
‘मणिमलिका’ आदि।

सम्‍मान : ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’, ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘केरल साहित्य अकादेमी पुरस्कार’

आदि।

निधन : 6 अगस्‍त, 1982

 

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