Soho Mein Marx Aur Anya Natak

Author: Howard Zinn
Translator: Sourav Roy
Edition: 2018, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Soho Mein Marx Aur Anya Natak
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इतिहासकार, विचारक और विश्व-प्रसिद्ध युद्ध-विरोधी लेखक हॉवर्ड ज़िन्न के ये नाटक ऐतिहासिक भी हैं और वैचारिक भी। ज़िन्न अपने आपको कुछ समाजवादी, कुछ अराजकतावादी और कुछ-कुछ लोकतांत्रिक समाजवादी मानते थे। युद्ध के विरोध में उन्होंने व्यापक रूप में लिखा और चर्चित हुए। उन्हें जनता का इतिहास-लेखक कहा गया। उन्होंने अमरीका का इतिहास लोगों को केन्द्र में रखकर लिखा जिसे असंख्य लोगों ने पढ़ा। वे सिर्फ़ इतिहासकार ही नहीं, एक्टिविस्ट भी थे। उनके ये तीनों नाटक उनके वैचारिक पक्ष के साथ-साथ उनके सिद्ध नाटककार होने को भी रेखांकित करते हैं।

‘सोहो में मार्क्स’ एकपात्रीय नाटक है जिसमें मार्क्स स्वयं मंच पर आकर दर्शकों को सम्बोधित करते हैं। दुनिया-भर में अनेक बार खेला गया यह नाटक आज के दौर में माक्र्स और उनके सिद्धान्तों की प्रासंगिकता बताता है। इसमें हमें मार्क्स के निजी जीवन के कुछ दृश्य भी मिलते हैं और साथ ही उनके समकालीनों के साथ उनके सम्बन्धों के भी।

‘वीनस की बेटी’ राष्ट्र के नाम पर लड़े जानेवाले युद्धों और उनके लिए बनाए जानेवाले हथियारों के औचित्य पर सवाल उठाता है। परमाणु अस्त्रों पर काम करनेवाले एक वैज्ञानिक की पत्नी, बेटी और बेटे के आपसी रिश्तों और बहसों के माध्यम से ज़िन्न यहाँ युद्ध और शस्त्रों की व्यर्थता को एक साधारण, घरेलू नज़रिए से बेपर्दा करते हैं।

‘एमा’ अमरीका की अराजकतावादी चिन्तक, राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक एमा गोल्डमन के जीवन पर आधारित नाटक है जिसमें हॉवर्ड ज़िन्न ने उनके जीवन की मुख्य घटनाओं और उनके विचारों को प्रस्तुत किया है। एमा का जन्म रूस में हुआ था। बाद में उन्होंने अमरीका में जन-आन्दोलनों के साथ काम किया। स्त्री-मुक्ति और मज़दूर हितों पर उनके वक्तव्यों को हज़ारों लोग सुनने आते थे। नाटक में ऐसे कई लोमहर्षक दृश्य हैं जिनमें उस क्रान्तिकारी स्त्री की छवि साक्षात् दिखाई पड़ती है।

विचारों को कहीं वक्तव्यों के माध्यम से, कहीं पात्रों की आपसी बहस के माध्यम से और कहीं स्थितियों की बुनावट के द्वारा स्पष्ट रूप में सामने लाना इन नाटकों की विशेषता है। लेकिन ऐसा नहीं कि इससे वे कहीं बोझिल या लोडेड हो गए हों। अपने वातावरण में वे इतने स्वाभाविक और गतिमान होते हैं कि उन्हें पढ़ना भी, खेलना भी और देखना भी अपने आप में एक समग्र अनुभव होगा।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 200p
Translator Sourav Roy
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
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Author: Howard Zinn

हॉवर्ड ज़िन

जन्म : 24 अगस्त, 1922

हॉवर्ड ज़िन (1922-2010) अमरीकी इतिहासकार, नाटककार व समाजकर्मी थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ये अमरीकी वायुसेना में ‘बोम्बार्डियर’ रहे। यूरोप में युद्ध के अनुभवों के बाद ये घोर युद्ध-विरोधी हो गए। आगे चलकर इन्होंने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय (बी.ए.) व कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम.ए., पी-एच.डी.) से पढ़ाई पूरी की, और स्पेलमैन कॉलेज व बॉस्टन विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफ़ेसर पढ़ाते रहे। अमरीकी सिविल राइट्स मूवमेंट और वियतनाम व इराक युद्धों के ख़िलाफ़ चले जन-आन्दोलनों में भी इनकी सक्रियता रही।

इतिहास, समाज और राजनीति पर इन्होंने चालीस से भी अधिक किताबें लिखीं। ‘अ पीपल्स हिस्ट्री ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स’ (1980) इनकी बहुचर्चित कृति है, जिसमें प्रजा व नागरिकों की दृष्टि से अमरीका का इतिहास बतलाया गया है। अमरीका के कई कॉलेजों और स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल होने के अलावा यह किताब विश्व-भर की भाषाओं में अनूदित हुई है। ‘सोहो में मार्क्स’ (1999) नाटक भी इनकी प्रसिद्ध कृति है, जिसमें विख्यात जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स समकालीन अमरीका में लौट आए हैं और सामयिक विषयों पर चिन्तन कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से इस नाटक का भी रूपान्तरण अलग-अलग भाषाओं में होता आया है।

निधन : 27 जनवरी, 2010

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