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Sansar Kayaron ke Liye Nahin-Paper Back

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9788126724369
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स्वामी विवेकानन्द 'योद्धा संन्यासी' थे। करुणा, निर्भयता, कर्मठता, ज्ञान और सेवा आदि महत्तर गुणों से विभूषित उनका जीवन प्रेरणा का महाग्रन्थ है। कठिन से कठिन परिस्थिति का सामना करने और उससे विजयी होकर निकलने का आदर्श स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं का सार है।

स्वामी जी ने अपनी अमृत वाणी से पूरे विश्व को नवजीवन का सन्देश दिया था। वे व्यावहारिक वेदान्त के अग्रणी व्यक्तित्व थे। उनके जीवन और कृतित्व में एक विराट सत्ता के प्रति आस्था तो है ही साथ ही मनुष्य को निर्भय और कर्मठ बनाने की प्रेरणा भी है।

‘संसार कायरों के लिए नहीं’ एक विलक्षण और प्रासंगिक पुस्तक है। आज जटिल होते समय और समाज में जीने के लिए व्यक्ति को अपने जीवन का नियोजन करना होता है। यह कठिन कार्य है, इसे स्वामी विवेकानन्द के सन्देश और विचार सुगम बनाते हैं। यह पुस्तक स्वामी विवेकानन्द के विचारों, आदर्शों एवं सन्देशों पर आधारित है। जीवन जीने की कला पर प्रकाश डालते हुए स्वामी जी विश्व मानवता के प्रति अपार करुणा से भर जाते हैं।

सहृदय साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने स्वामी विवेकानन्द के विपुल साहित्य से वे सूत्र चुने हैं जो समय और समाज को एक नई दिशा देते हैं। इस पुस्तक को पढ़कर किसी भी व्यक्ति के मन में जीवन को सार्थक बनाने की ललक जाग उठेगी।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2013
Edition Year 2024, Ed. 7th
Pages 192p
Price ₹250.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Ramesh Pokhariyal 'Nishank'

Author: Ramesh Pokhariyal 'Nishank'

रमेश पोखरियाल 'निशंक'

जन्म : 15 अगस्त, 1958; ग्राम—पिनानी, पौड़ी गढ़वाल।

राजनीति में ज़मीनी सक्रियता के पक्षधर, प्रभावशाली वक्ता। वे उत्तराखंड राज्य के पाँचवें मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

फ़‍िलहाल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री-पद पर आसीन।

साहित्य, कला और संस्कृति में गहरी अभिरुचि। कहानी, उपन्यास, कविता और अन्य विधाओं में किताबें प्रकाशित।

प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ : ‘संसार कायरों के लिए नहीं’ (जीवन-प्रबन्धन), ‘अन्तहीन’ (कहानी-संग्रह) आदि।

 

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