Sansad Mein Meri Baat

Politics
Author: Ramgopal Yadav
You Save 20%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Sansad Mein Meri Baat

इस पुस्तक का नाम है—'संसद में मेरी बात' लेकिन यदि आप इसे ध्यान से पढ़ें तो आप कहेंगे कि इसका नाम होना चाहिए था—'देश की बात'।

प्रो. रामगोपाल यादव ने लगभग 40 विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। 40 तो शीर्षक भर हैं।

एक-एक शीर्षक में कई-कई मुद्दे हैं। हर मुद्दे पर उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग़रीबी, खेती, हिन्दी, विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, आरक्षण जैसे बुनियादी मुद्दों पर उन्होंने अपनी दो-टूक बात तो कही ही है, तात्कालिक महत्त्व के कई प्रश्नों पर उन्होंने अनेक रचनात्मक सुझाव भी रखे हैं। राजनीतिशास्त्र के अध्येता और अध्यापक रहने के अनुभव ने भाषणों को गम्भीर और तर्कसम्मत भी बनाया है। उनके भाषणों को पढ़ने पर आप आसानी से समझ जाएँगे कि एक औसत नेता और एक विद्वान नेता में क्या फ़र्क़ होता है। इस संकलन में आप जब गांधी, लोहिया, अम्बेडकर आदि के साथ-साथ सुकरात, अरस्तू, थॉमस हिल ग्रीन, जॉन स्टुअर्ट मिल आदि विचारकों के प्रासंगिक सन्दर्भ देखेंगे तो आप समझ जाएँगे कि समाजवादी पार्टी ने अपने इस प्रतिभाशाली सांसद को संसद में सदा बने रहने के लिए बाध्य क्यों किया है। इस ग्रन्थ को पूरा पढ़ने पर आपको रामगोपाल जी के सपनों का भारत साफ़-साफ़ दिखाई पड़ने लगेगा। डॉ. राममनोहर लोहिया के समतामूलक समाज और बृहत्तर भारत की कल्पना को यह सपना साकार करता है।

—वेदप्रताप वैदिक

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed 1st
Pages 480p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Write Your Own Review
You're reviewing:Sansad Mein Meri Baat
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Ramgopal Yadav

Author: Ramgopal Yadav

प्रो. रामगोपाल यादव

उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के गाँव सैफई में 29 जून, 1946 को जन्म हुआ।

आगरा विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एम.एससी. तथा कानपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.ए. एवं पीएच.डी. की। के.के. पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज इटावा में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता, राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता एवं रीडर रहे। चौधरी चरण सिंह पी.जी. कॉलेज हेवरा, इटावा में लम्बी अवधि तक प्राचार्य रहे।

जनवरी, 1989 में इटावा ज़िला परिषद् के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। जुलाई, 1992 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित। 1998 में पुनः राज्यसभा के लिए निर्वाचित। मई, 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए संभल लोक सभा क्षेत्र से निर्वाचित्र! नवम्बर, 2008 में राज्यसभा के लिए तीसरी बार निर्वाचित तथा पुनः नवम्बर, 2014 में चौथी बार राज्यसभा के सदस्य बने।

संसद में पेट्रोलियम एवं कृषि सम्बन्धित स्थायी समितियों के अध्यक्ष तथा राज्यसभा की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष रहे।

सम्प्रति : राज्यसभा में समाजवादी पार्टी संसदीय दल के नेता एवं समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं।

Read More
Books by this Author

Back to Top