डॉ. सत्यप्रकाश मिश्र द्वारा सम्पादित इस रचनावली में रहीम के नाम से प्रचलित सभी रचनाओं का समावेश किया गया है। पाठ को प्रामाणिक बनाने के प्रयत्न के साथ ही साथ सम्पादक ने अपनी विस्तृत भूमिका में रहीम के विषय में प्रामाणिक सामग्री दी है।

रहीम की भूमिका को निर्धारित करते हुए पुस्तक में रहीम द्वारा प्रयुक्त नई शैलियाँ और काव्य प्रयोगों को रेखांकित करके सम्पादक ने उस युग के काव्य मिज़ाज को समझाने का महत्त्वपूर्ण प्रयत्न किया है। रहीम के स्वनिर्मित स्वाभिमानी व्यक्तित्व और उनकी त्रासदी को समझे बग़ैर उनकी कविताओं को समझना कठिन है—यह इस ग्रन्थ को पढ़ने से और अधिक उजागर होगा।

इस संग्रह की भूमिका और मूल पाठ से रहीम के साथ ही साथ मध्ययुगीन काव्य की मानसिक बुनावट और काव्य सन्दर्भ को समझने में मदद मिलेगी—यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2004
Edition Year 2021, Ed. 5th
Pages 164p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 10
Write Your Own Review
You're reviewing:Rahim Rachnawali
Your Rating
Satyaprakash Mishra

Author: Satyaprakash Mishra

सत्यप्रकाश मिश्र

जन्‍म : 25 जून, 1945 को ज़िला—सुल्तानपुर, (उ.प्र.) के एक क़स्बा दोस्तपुर में।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा दोस्तपुर से ही। बी.ए., एम.ए. और डी.फ़िल., इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से।

इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद से अध्यापन की शुरुआत। सन् 1979 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आ गए। यहीं हिन्दी विभाग में आचार्य एवं अध्यक्ष के पद पर कार्य। टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान में विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे, मन नहीं रमा बीच में ही छोड़कर चले आए। लेपजिंग विश्वविद्यालय, जर्मनी एवं कैथोलिक विश्वविद्यालय, बेल्जियम में विजिटंग प्रोफ़ेसर के रूप में बुलाए गए, परन्तु नहीं गए।

प्रमुख कृतियाँ : ‘यह पथबन्धु का अध्ययन’, ‘रीति-काव्य : प्रकृति एवं स्वरूप’, ‘कवि शिक्षा की परम्परा’, ‘आलोचक और समीक्षाएँ’, ‘मध्यकालीन काव्य आन्दोलन-2’, ‘काव्य-भाषा पर तीन निबन्ध—सहलेखन’; सम्पादन—‘प्रसाद ग्रन्थावली’, ‘गोदान का महत्त्व’, ‘प्रेमचन्द की कहानियाँ’, ‘कहानीकार ज्ञानरंजन’, ‘बालकृष्ण भट्ट : प्रतिनिधि संकलन’, ‘भारतेन्दु के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘बालकृष्ण भट्ट के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘प्रेमचन्द के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘सृजन-परिवेश’, ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी पत्रकारिता’, ‘रचना और आलोचना’, ‘सुमित्रानन्दन पंत : व्यक्ति और काव्य’, ‘अज्ञेय और तारसप्तक’, ‘अव्यय,’, ‘आलोचना और बौद्धिकता’, ‘सूचना प्रौद्योगिकी और सृजनशीलता’; पत्रिकाओं का सम्पादन : ‘माध्यम’ का पुनर्जीवन एवं सम्पादन’, ‘वर्तमान साहित्य-आलोचना विशेषांक’ का सम्पादन’, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की पत्रिका ‘चेतना’ का सम्पादन।

विशेष : मानद निदेशक, इलाहाबाद संग्रहालय, इलाहाबाद; मानद पुस्तकालयाध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद; साहित्य मंत्री, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग; अध्यक्ष, व्यास सम्मान चयन समिति; संयोजक, ‘सरस्वती सम्मान’, के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली; सदस्य, मंगला प्रसाद पुरस्कार समिति, उ.प्र. हिन्दी संस्थान।

सम्मान : उ.प्र. हिन्दी संस्थान के ‘साहित्य भूषण सम्मान’ 2006 से सम्मानित।

निधन : 27 मार्च, 2007

Read More
Books by this Author
Back to Top