Kriti Vikriti Sanskriti

Literary Criticism
As low as ₹262.50 Regular Price ₹375.00
You Save 30%
In stock
Only %1 left
SKU
Kriti Vikriti Sanskriti
- +

सत्यप्रकाश मिश्र हिन्दी आलोचना में साहित्यिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सन्दर्भों एवं उनसे निःसृत समाजवादी मान-मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में किसी भी कृत और प्रवृत्ति का मूल्यांकन करनेवाले एक सेक्यूलर आलोचक थे। समकालीन हिन्दी आलोचना भाषा को उन्होंने जो आवाज़ दी, वह अपने आप में अकेली और अनोखी है। इस आवाज़ में जहाँ तीक्षा असहमति का स्वर है वहाँ भी सप्रमाण तर्कशक्ति के साथ विषय और सन्दर्भों का विवेकपूर्ण प्रकटन है जिसको पढ़कर लगता है कि हिन्दी आलोचना के लिए इस तरह के आलोचना कर्म की ज़रूरत आज और भी अधिक है, क्योंकि समकालीन हिन्दी आलोचना परिचय-धर्मिता का शिकार हो रही है।

प्रो. मिश्र यह मानते हैं कि आलोचक का कार्य केवल उद्धारक या प्रमोटर का नहीं होना चाहिए। रचनाकार, उसके परिवेश और कृति को समग्रता में समझने के कार्य को वह आलोचना का प्रमुख कार्य मानते हैं। इस पुस्तक में नवें दशक की हिन्दी कविता पर लिखा उनका लम्बा लेख इसका उदाहरण है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी और नन्ददुलारे वाजपेयी के पश्चात् व्यापक सामाजिक चेतना वाले आलोचकों—रामविलास शर्मा, विजयदेव नारायण साही, नामवर सिंह और मैनेजर पाण्डेय की आलोचना-दृष्टि, पद्धति और प्रविधि तथा मूल्यांकन क्षमता की परख करते हुए इस पुस्तक में सत्यप्रकाश मिश्र ने हिन्दी आलोचना के विकास-क्रम को निर्दिष्ट किया है। वे अपने प्रिय आलोचक साही की ही तरह यह मानते थे कि आलोचना के मुहावरे को ग़लत बनाम सही, झूठ या अपर्याप्त सच बनाम सच का रूप ग्रहण करना ही चाहिए। ‘कृति विकृति संस्कृति’, इसी आलोचनात्मक मुहावरे का रूपाकार है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2010
Edition Year 2010, Ed. 1st
Pages 310p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Kriti Vikriti Sanskriti
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Satyaprakash Mishra

Author: Satyaprakash Mishra

सत्यप्रकाश मिश्र

जन्‍म : 25 जून, 1945 को ज़िला—सुल्तानपुर, (उ.प्र.) के एक क़स्बा दोस्तपुर में।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा दोस्तपुर से ही। बी.ए., एम.ए. और डी.फ़िल., इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से।

इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद से अध्यापन की शुरुआत। सन् 1979 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आ गए। यहीं हिन्दी विभाग में आचार्य एवं अध्यक्ष के पद पर कार्य। टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान में विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे, मन नहीं रमा बीच में ही छोड़कर चले आए। लेपजिंग विश्वविद्यालय, जर्मनी एवं कैथोलिक विश्वविद्यालय, बेल्जियम में विजिटंग प्रोफ़ेसर के रूप में बुलाए गए, परन्तु नहीं गए।

प्रमुख कृतियाँ : ‘यह पथबन्धु का अध्ययन’, ‘रीति-काव्य : प्रकृति एवं स्वरूप’, ‘कवि शिक्षा की परम्परा’, ‘आलोचक और समीक्षाएँ’, ‘मध्यकालीन काव्य आन्दोलन-2’, ‘काव्य-भाषा पर तीन निबन्ध—सहलेखन’; सम्पादन—‘प्रसाद ग्रन्थावली’, ‘गोदान का महत्त्व’, ‘प्रेमचन्द की कहानियाँ’, ‘कहानीकार ज्ञानरंजन’, ‘बालकृष्ण भट्ट : प्रतिनिधि संकलन’, ‘भारतेन्दु के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘बालकृष्ण भट्ट के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘प्रेमचन्द के श्रेष्ठ निबन्ध’, ‘सृजन-परिवेश’, ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी पत्रकारिता’, ‘रचना और आलोचना’, ‘सुमित्रानन्दन पंत : व्यक्ति और काव्य’, ‘अज्ञेय और तारसप्तक’, ‘अव्यय,’, ‘आलोचना और बौद्धिकता’, ‘सूचना प्रौद्योगिकी और सृजनशीलता’; पत्रिकाओं का सम्पादन : ‘माध्यम’ का पुनर्जीवन एवं सम्पादन’, ‘वर्तमान साहित्य-आलोचना विशेषांक’ का सम्पादन’, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की पत्रिका ‘चेतना’ का सम्पादन।

विशेष : मानद निदेशक, इलाहाबाद संग्रहालय, इलाहाबाद; मानद पुस्तकालयाध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद; साहित्य मंत्री, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग; अध्यक्ष, व्यास सम्मान चयन समिति; संयोजक, ‘सरस्वती सम्मान’, के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली; सदस्य, मंगला प्रसाद पुरस्कार समिति, उ.प्र. हिन्दी संस्थान।

सम्मान : उ.प्र. हिन्दी संस्थान के ‘साहित्य भूषण सम्मान’ 2006 से सम्मानित।

निधन : 27 मार्च, 2007

Read More
Books by this Author

Back to Top