इस दूसरे खंड के साक्षात्कारों का दौर वह दौर है जब चन्द्रशेखर भारतीय राजनीति के पटल पर छाए हुए हैं। यह दौर कांग्रेस में रहकर पार्टी नीतियों का विरोध, जेपी आंदोलन और आपातकाल में उनके जबरदस्त हस्तक्षेप तथा जनता पार्टी के गठन और उसके अध्यक्ष बनने का दौर है। पुस्तक में संकलित साक्षात्कारों पर एक नजर डालें तो चन्द्रशेखर एक खास तरह की रचनात्मक बेचैनी और कुछ करने के लिए जल्दबाजी में दिखाई देते हैं। इस दौरान उनका अद्भुत रूप सामने आता है, जिसमें उनकी ऊर्जा और लक्ष्य दोनों साफ-साफ परिलक्षित होते हैं। उनके पास केवल लक्ष्य ही नहीं है, बल्कि उस तक पहुँचने का रास्ता भी है, जिसे वे मौजूदा कठिनाइयों के बीच से ही निकालना चाहते हैं। गत 30 वर्षों के भारतीय राजनीति के घटनाक्रम से साक्षात्कार करानेवाली एक संग्रहणीय पुस्तक।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Harivansh |
Publication Year | 2002 |
Edition Year | 2022, Ed. 2nd |
Pages | 219p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 2 |