Rachnatmak Bechaini Mein

Author: Chandrashekhar
Editor: Harivansh
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Rachnatmak Bechaini Mein

इस दूसरे खंड के साक्षात्कारों का दौर वह दौर है जब चन्द्रशेखर भारतीय राजनीति के पटल पर छाए हुए हैं। यह दौर कांग्रेस में रहकर पार्टी नीतियों का विरोध, जेपी आंदोलन और आपातकाल में उनके जबरदस्त हस्तक्षेप तथा जनता पार्टी के गठन और उसके अध्यक्ष बनने का दौर है। पुस्तक में संकलित साक्षात्कारों पर एक नजर डालें तो चन्द्रशेखर एक खास तरह की रचनात्मक बेचैनी और कुछ करने के लिए जल्दबाजी में दिखाई देते हैं। इस दौरान उनका अद्भुत रूप सामने आता है, जिसमें उनकी ऊर्जा और लक्ष्य दोनों साफ-साफ परिलक्षित होते हैं। उनके पास केवल लक्ष्य ही नहीं है, बल्कि उस तक पहुँचने का रास्ता भी है, जिसे वे मौजूदा कठिनाइयों के बीच से ही निकालना चाहते हैं। गत 30 वर्षों के भारतीय राजनीति के घटनाक्रम से साक्षात्कार करानेवाली एक संग्रहणीय पुस्तक।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2022, Ed. 2nd
Pages 219p
Translator Not Selected
Editor Harivansh
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Chandrashekhar

Author: Chandrashekhar

चन्द्रशेखर

17 अप्रैल, 1927 को बलिया ज़‍िले के इब्राहीम पट्टी गाँव में जन्म। पिता : सदानन्द सिंह, माँ : द्रौपदी देवी। 1945 में द्विजा देवी से विवाह। 1947 में माँ का निधन। आरम्भिक शिक्षा गाँव में। 1949 में बलिया के सतीश चन्द्र कॉलेज से बी.ए.। 1951 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए.। इसी वर्ष शोध-कार्य के दौरान आचार्य नरेन्द्रदेव के कहने पर बलिया ज़‍िला सोशलिस्ट पार्टी के मंत्री बने। 1955 में प्रदेश सोशलिस्ट पार्टी के महामंत्री। 1962 में राज्यसभा के लिए चुने गए। 1964 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। 1967 में कांग्रेस संसदीय दल के मंत्री। 1969 के बाद लगातार कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य। 1972 में हाईकमान के निर्देश के विरुद्ध लड़कर शिमला अधिवेशन में चुनाव समिति के सदस्य चुने गए। 26 जून, 1975 को आपातकाल लागू होने पर गिरफ़्तारी। 19 महीने जेल में। 1977 में जनता पार्टी के अध्यक्ष। इसी वर्ष बलिया से लोकसभा के लिए चुने गए। 10 नवम्बर, 1990 को प्रधानमंत्री बने और 21 जून, 1991 तक इस पद पर रहे। 12 दिसम्बर, 1995 को ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ का पुरस्कार। 2004 में बलिया से पुन: लोकसभा के लिए निर्वाचित। 2007 की 8 जुलाई को निधन।

प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ : ‘जीवन जैसा जिया’, ‘मेरी जेल डायरी’, ‘डायनेमिक्स ऑफ़ सोशल चेंज’, ‘रहबरी के सवाल’, ‘चन्द्रशेखर से संवाद’ और ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद चन्द्रशेखर’ (अन्तिम दोनों पुस्तकों के सम्पादक : सुरेश शर्मा)।



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