Pratirodh Ka Stree-Swar : Samkaleen Hindi Kavita

Poetry,Women Study
Author: Savita Singh
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Pratirodh Ka Stree-Swar : Samkaleen Hindi Kavita
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कवयित्री और प्रखर स्त्रीवादी आलोचक सविता सिंह द्वारा सम्पादित ‘प्रतिरोध का स्त्री-स्वर’ में संकलित कविताएँ शक्ति की ऐसी सभी संरचनाओं के विरुद्ध प्रतिरोध की कविताएँ हैं, जो स्त्रियों को उनके अधिकार से वंचित करती हैं। वह चाहे पितृसत्ता हो, धार्मिक सत्ता, जातिवादी या राजनीतिक सत्ता हो। कहा जा सकता है कि ये कविताएँ अस्मिता विमर्श की सीमाओं का अतिक्रमण करती हैं या उसकी परिधि को और व्यापक बनाती हैं। ये विचारों पर फैल रहे कोहरे को भेदने की कोशिश हैं। घर से दफ़्तर तक, संसद से सड़क तक, सचिवालय से न्यायालय तक सारी जगह इनकी निगाह की हद में है। इन कविताओं में बोलने वाली स्त्री मानती है और जानती है कि उसका प्रतिनिधित्व करती हुई दिखती सरकार उसकी नहीं है।

ये कविताएँ स्त्री की स्वतन्त्रता की व्यापक परिभाषा रचती हैं। वहाँ सवर्ण और दलित स्त्री के भेद के सवाल भी हैं और यह समझदारी भी कि राजनीतिक लोकतंत्र जब सामाजिक लोकतन्त्र में परिवर्तित होगा तभी सफल होगा। उनका ग़ुस्सा दक्षिणपंथी राष्ट्रवाद के विरुद्ध भी है और सामाजिक संरचना के ख़िलाफ़ भी।

महामारी से उठे सवाल और कोरोना के दौरान सफ़ाई कामगारों के सवाल भी इन कविताओं की जद में हैं। ये कविताएँ प्रतिरोध का वह स्त्री स्वर हैं जो अपनी धरती से जुड़ा है, जो इस धरती का आदि वासी है।

—राजेश जोशी

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 288p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Editorial Review

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Savita Singh

Author: Savita Singh

सविता सिंह

सविता सिंह का जन्म 05 फरवरी, 1962 को आरा (बिहार) में हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्‍त्र में पी-एच.डी. किया। मांट्रियाल (कनाडा) स्थित मैक्गिल विश्वविद्यालय में साढ़े चार वर्ष  शोध व अध्यापन किया।

‘अपने जैसा जीवन’, ‘नींद थी और रात थी’, ‘स्वप्न समय’ के बाद 2021 में चौथे काव्य-संग्रह ‘खोई चीज़ों का शोक’ का प्रकाशन। ‘रोविंग टुगेदर’ (अंग्रेज़ी-हिन्दी) तथा ‘ज़ स्वी ला मेजों दे जेत्वाल’ (फ्रेंच-हिन्दी) शीर्षक से द्विभाषिक काव्य-संग्रह प्रकाशित। अंग्रेज़ी में कवयित्रियों के अन्तर्राष्ट्रीय चयन ‘सेवेन लीव्स, वन ऑटम’ का सम्पादन जिसमें प्रतिनिधि कविताएँ शामिल। ‘पचास कविताएँ : नई सदी के लिए चयन शृंखला’ के तहत चुनिंदा कविताएँ प्रकाशित। ‘ल फाउंडेशन मेजों देस साइंसेज़ ल दे' होम, पेरिस की पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के तहत कृष्णा सोबती के ‘मित्रो मरजानी’ तथा ‘ऐ लड़की’ उपन्यासों पर काम। राजनीतिक दर्शन के क्षेत्र में ‘रियलिटी एंड इट्स डेप्थ : ए कन्वर्सेशन बिटवीन सविता सिंह एंड भास्कर रॉय’ प्रकाशित।

विभिन्न भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में कविताएँ अनूदित। ओड़िया में दो काव्य-संग्रहों के अनुवाद प्रकाशित। हिन्दी अकादमी और रज़ा फ़ाउंडेशन के अलावा महादेवी वर्मा पुरस्कार (2016) तथा युनिस डि सूजा अवार्ड (2020) से सम्मानित।

सम्प्रति इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में प्रोफ़ेसर, स्कूल ऑव ज़ेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज़ की संस्थापक निदेशक। इंटरनेशनल हर्बर्ट मारक्यूस सोसायटी, अमेरिका के निदेशक मंडल की सदस्य।

संपर्क : savita.singh6@gmail.com

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