उदय प्रकाश की कविताओं में एक आंतरिक लय है, जिसमें संवेदना और विचार एक सन्तुलित गूँथ में गति करते प्रतीत होते हैं। जिस तरह कहानियों में उन्होंने पारम्परिक शिल्प को तोड़कर अपनी कहन गढ़ी, उनकी कविताएँ भी लगातार अपने को बदलती चलती हैं। हर कविता का कथ्य जैसे अपना शिल्प साथ लेकर आता है। कहीं वे चित्र खींचते हैं, कहीं सीधे संबोधित करते हैं, कहीं कहानी सुनाते हैं, कहीं लम्बे विवरणात्मक वाक्यों में अपनी बात कहते हैं, कहीं शुद्ध छंद रच देते हैं। सत्ता, सत्ता की नाटकीय मुद्राएँ, सामान्यतः पूरे समाज और विशेषतः बौद्धिक तबक़े का नैतिक स्खलन, स्त्रियों के दुख, नागर विडम्बनाएँ, जीवन-पद्धति की तरह व्यवहार करनेवाले राजनीतिक-सामाजिक भ्रष्टाचरण, प्रकृति की पीड़ा, अति-उत्साही आधुनिकता के हाथों परम्परा का ग़ैर-ज़रूरी क्षरण उनकी कवि-चेतना को विचलित करते हैं; स्वार्थ-विद्ध चालाक-चतुर भंगिमाओं का मसख़रापन अक्सर। इस चयन में संकलित उनकी कविताओं से आप कवि उदय प्रकाश को अच्छे ढंग से जान सकते हैं और उनके वैविध्य को भी।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2023, Ed. 1st |
Pages | 168p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 17.5 X 12 X 1 |