Pramod Verma Samagra : Vols. 1-4

Author: Vishva Ranjan
Edition: 2009, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Pramod Verma Samagra : Vols. 1-4
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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 1752p
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Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 11.5
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Author: Vishva Ranjan

विश्व रंजन

जन्म : 1 अप्रैल, 1952

शिक्षा : पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) करने के बाद भारतीय पुलिस सेवा में चयन।

कार्य : 1973 में आईपीएस (म.प्र./छत्तीसगढ़ कैडर)। 1974-1985 तक उज्जैन, रीवा, जावरा (रतलाम), ग्वालियर, रायगढ़, भोपाल, बस्तर, रायपुर में विभिन्न पदों पर। 1985-2006 तक भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों एवं आन्तरिक सुरक्षा-कार्यों में

दिल्ली, गुजरात, बिहार में पदस्थ। राष्ट्रीय सुरक्षा महाविद्यालय में एक वर्ष।

प्रधानमंत्री के सराहनीय पुलिस सेवा तथा राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पदकों से सम्मानित।

अभिरुचि : कविता लिखने के अलावा पेंटिंग तथा फ़ोटोग्राफ़ी, कला तथा संस्कृति के विभिन्न आयामों पर लेखन।

प्रमुख कृतियाँ : ‘स्वप्न का होना बेहद ज़रूरी’ (कविता-संग्रह); ‘एक नई पूरी सुबह’ (एकाग्र-सम्पादन : जयप्रकाश मानस); ‘प्रमोद वर्मा समग्र’ (सम्पादित, चार खंडों में)।

अनुवाद : अंग्रेज़ी, बांग्ला, पंजाबी, तेलुगू में कविताएँ अनूदित, ‘स्वप्न का होना बेहद ज़रूरी है’ का तेलुगू में अनुवाद।

यात्रा : इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, हॉलैंड, फ़िनलैंड, डेनमार्क, चेकोस्लोवाकिया, साउथ अफ़्रीका, मॉरिशस, अमेरिका आदि।

अब सेवानिवृत्त।

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