Facebook Pixel

Poorv Madhyakalin Samaj-Hard Cover

Special Price ₹425.00 Regular Price ₹500.00
15% Off
Out of stock
SKU
9789386863577
Share:
Codicon

प्रस्तुत पुस्तक में पूर्वमध्यकालीन सामाजिक संरचना को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है, क्योंकि पूर्वमध्यकाल प्राचीन भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण काल माना जाता है। इस काल के दौरान राजनीतिक मंच पर ही केवल उतार-चढाव नहीं आए, अपितु सामाजिक और आर्थिक धरातल पर भी अनेक परिवर्तन दृष्टिगत होते हैं। परिणामस्वरूप भारतीय सामाजिक संरचना नया रूप ग्रहण करती है। इसी कारण पूर्वमध्यकालीन सामाजिक आर्थिक धरातल पर निहित व्यावसायिक समुदायों का अर्थपूर्ण विवेचना करने का पूर्ण प्रयास किया गया है और समाजार्थिक घटक के रूप में मान्य कृषि, व्यापार, उद्योग तथा अन्य विविध व्यवसायों से सम्बन्धित व्यावसायिक समुदायों का गहराई के साथ अध्ययन करना ही हमारा मुख्य केन्‍द्र रहा है। साथ-ही-साथ पेशेवर समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति का निरूपण तत्कालीन अभिलेखीय एवं साहित्यिक साक्ष्यों के आधार पर किया है और उनकी विविध व्यावसायिक गतिविधियों का विश्लेषण करना हमारा मुख्य ध्येय रहा है। जैसाकि स्पष्ट है कि भारतीय सामाजिक आर्थिक जीवन में पेशेवर समुदायों के स्थान-निर्धारण बिना सामाजिक जीवन का चित्रण एकांगी रह जाएगा।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 212P
Price ₹500.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.3 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Poorv Madhyakalin Samaj-Hard Cover
Your Rating
Ratna

Author: Ratna

डॉ. रत्ना

इलाहबाद विश्वविद्यालय से स्नातक तथा ‘प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्‍त्‍व’ विषय में परास्नातक की उपाधि प्राप्त किया।

प्रोफ़ेसर एस.सी. भट्टाचार्य के निर्देशन में इलाहबाद विश्वविद्यालय से डी.फ़‍िल. की उपाधि।

भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा जूनियर तथा सीनियर फ़ेलोशिप प्रदान।

अनेक शोध-पत्र राष्ट्रीय तथा अन्‍तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

सम्प्रति : आर्य कन्या पी.जी. कॉलेज, इलाहबाद के प्राचीन इतिहास विभाग में अतिथि प्रवक्ता के रूप में कार्यरत।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top