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Pashchim Se Samvad : Hindi, Samaj, Alochana-Hard Back

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संसार के मानव-समुदायों और राष्ट्रों का वर्तमान समय बीती सदियों की जिजीविषा के मोहक संघर्ष का अद्यतन रूप है। एक मानव समुदाय द्वारा दूसरे को अधीन करने या अन्य की दासता का भोग करने की कामना अत्यन्त प्राचीन है। किन्तु इसके साधन और उपकरण एक जैसे नहीं होते। आज ये उपकरण इतने महीन और सूक्ष्म हैं कि इनकी पहचान करना सामान्यत: सरल नहीं है। इनमें सर्वाधिक दक्ष और प्रचलित है—अन्य के सपनों और आकांक्षाओं के टेक्सचर पर नियंत्रण। मुख्यत: संस्कृति में घटित होने वाली इन प्रक्रियाओं का प्रकटन भाषा और साहित्य में सर्वाधिक प्रामाणिक और स्थायी होता है। भारत के बारे में सोचते हुए और हिन्दी समाज से गुज़रते हुए जब हम कुछ समकालीन प्रश्नों से संवाद करते हैं तो धर्म और संस्कृति तथा भाषा और साहित्य के कई रूपक व्याख्यायित करने पड़ते हैं और बात बहुत दूर तक जाती है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 224p
Price ₹600.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Dilip Kumar Gupt

Author: Dilip Kumar Gupt

दिलीप कुमार गुप्त

जन्म : बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले में वाल्मीकिनगर और बगहा के बीच छतरौल नामक ग्राम में ।

शिक्षा : मैट्रिक तक डी.एम. एकेडमी बगहा से, बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर से स्नातक, एम.ए. तथा एम. फिल, पीएच.डी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ।

प्रकशन : पहली पुस्तक 'यात्रा चिन्तन : निर्मल वर्मा' (दृष्टि रचना), विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, अनुवाद एवं शोध-पत्र प्रकाशित। शास्त्रीय संगीत का प्रारम्भिक प्रशिक्षण, आकाशवाणी से अल्पकालीन जुड़ाव।

सम्प्रति : उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग में राजपत्रित अधिकारी के रूप में  चन्‍दौली जनपद में कार्यरत ।

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