Parichit Katha Ki Ankahi Kahani

Author: Madhu Bhaduri
Edition: 2023, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Parichit Katha Ki Ankahi Kahani

परिचित कथा की अनकही कहानी एक मध्यवित्त परिवार की लड़कीउमा की दास्तान है जो अपने लिए एक हँसती-खेलती दुनिया की आकांक्षा मन में पाले हुए है लेकिन यह सब वह अपनी स्वतन्त्रता खोकर नहीं चाहती। ऊँची और उन्मुक्त उड़ान की आकांक्षी उमा स्वस्थ जीवन-मूल्यों के लिए जीना चाहती है। लेकिन सुरक्षा और स्वतन्त्रता, दोनों एकसाथ मिलना हमारी दुनिया में दुर्लभ है। यही इस लड़की का और इस उपन्यास का भी, रचनात्मक आत्मसंघर्ष है। उमा सदियों से बहती आ रही धारा में कूदकर अपनी अस्मिता नहीं खोना चाहती। तकनीकी क्रान्ति की पक्षधर होते हुए भी वह मानती है कि सामाजिक दुविधाओं को कम्प्यूटर से हल नहीं किया जा सकता और साहित्य तथा कला की ज़रूरत वहीं से शुरु होती है जहाँ तकनीकी की सीमा है। स्त्री-चेतना की अन्तर्वस्तु से लबरेज़ यह उपन्यास बीसवीं शताब्दी के आखिरी दो-तीन दशकों की राजनीतिक-सामाजिक हलचलों और सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों में तेज़ी से आ रहे बदलावों को बड़ी संजीदगी से हमारे सामने उद्घाटित करता है। हालाँकि ये घटनाएँ रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की ही हैं लेकिन नियति के सवालों से बार-बार टकराती पारम्परिक जीवन-मूल्यों की जगह एक जनतान्त्रिक व ख़ुशहाल समाज की वकालत करती हैं। कथारस का प्रवाह ऐसा कि पूरा उपन्यास एक ही साँस में पढ़ लेने को जी चाहे।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 180p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Madhu Bhaduri

Author: Madhu Bhaduri

मधु भादुड़ी

दिल्ली में स्कूली पढ़ाई के बाद इन्द्रप्रस्थ कॉलेज से दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया। 1965 से 1968 तक वहीं प्राध्यापिका रहीं।

1968 में भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया। तब से ऑस्ट्रिया, वियतनाम, मेक्सिको और जर्मनी में भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत रहीं। फिर बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में भारत की राजदूत।

मधुजी शास्त्रीय संगीत में विशेष रुचि रखती हैं। हिन्दी, बांग्ला और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त जर्मन और स्पेनिश की भी ज्ञाता।

प्रमुख कृतियाँ : ‘कालचक्र’, ‘ज्वार’, ‘अनादि अनन्त’ (उपन्यास); उपन्यास और कहानियों के साथ-साथ इन्होंने नाटक भी लिखे हैं।

आप ‘आम आदमी पार्टी’ के संस्थापकों में से एक रही हैं।

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