Paap Aur Anya Kahaniyan

Edition: 2017, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Paap Aur Anya Kahaniyan

पारमिता शतपथी ओड़िया की प्रतिष्ठित, चर्चित और सम्मानित कथाकार हैं जिनकी कई रचनाएँ हिन्दी और अंग्रेज़ी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। इस संकलन में उनकी कुछ चर्चित कहानियाँ शामिल हैं जिन्हें उनके तीव्र यथार्थबोध, संवेदना और समाज की गहरी समझ के लिए जाना गया।

पारमिता शतपथी की कथा-शैली इतनी दिलचस्प और घटना-क्रम के ब्यौरे इतने सूक्ष्म होते हैं कि किसी भी कहानी को एक बार शुरू करने पर आप पढ़ते ही चले जाते हैं। उदाहरण के लिए संग्रह की पहली ही कहानी 'पाप' को लिया जा सकता है। दस-ग्यारह साल के बच्चे पर केन्द्रित यह कहानी जिसमें वह भूख के मारे एक मुर्गी को मार देता है और परिणामस्वरूप अपने पूरे परिवार को मौत तक पहुँचा देता है, एक स्तब्धकारी वृत्तान्त है। कहानी का सिर्फ़ अन्त ही नहीं, जहाँ अपनी माँ और बहनों की मृत्यु की जवाबदेही वह बच्चा महसूस करता है, वहीं भूख और ग़रीबी के विवरणों से भी यह कहानी आतंकित करती है।

उल्लेखनीय यह है कि वे आधुनिक समाज के निम्न तबक़े के दु:ख-तकलीफ़ों के साथ मध्यवर्ग के उथलेपन की भी गहरी समझ रखती हैं। ‘दलाल' ऐसी ही कहानी है जिसमें एक व्यक्ति अपने सामान्य चालाकियों से अकूत सम्पत्ति अर्जित करता है लेकिन अन्त में एक चतुर लड़की के हाथों ठगा जाता है।

पारमिता अपनी कहानियों में समाज के वंचित-दुर्बल लोगों का पक्ष लेते हुए साफ़ दिखाई देती हैं और खाए-पिए-अघाए लोगों के प्रति उनकी घृणा भी स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। मसलन, 'दलाल' कहानी में उन्होंने नायक को शुरू से अन्त तक वह आदमी कहकर ही सम्बोधित किया है, उसे कोई नाम तक नहीं दिया।

राजेन्द्र प्रसाद मिश्र द्वारा मूल ओड़िया से अनूदित इन कहानियों को पढ़ते हुए ऐसा नहीं लगता कि अनुवाद पढ़ रहे हैं।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 135p
Translator Rajendra Prashad Mishra
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
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Paarmita Shatpathi

Author: Paarmita Shatpathi

पारमिता शतपथी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.फ़िल।

कमिश्नर इनकम टैक्स के रूप में नई दिल्ली में कार्यरत।

पिछले 25 वर्षों से लेखन। अब तक 7 कहानी-संग्रह, दो उपन्यास ओड़िया भाषा में प्रकाशित। एक काव्य-संग्रह प्रकाशनाधीन। अंग्रेज़ी में अनूदित कहानी-संग्रह ‘इंटिमेट प्रिटेंस’ प्रकाशित। हिन्दी में अनूदित कहानी-संग्रह 'दूर के पहाड़’ वर्ष 2007 में एवं ‘चंदन के फूल’ वर्ष 2015 में प्रकाशित। अनेक चर्चित कहानियाँ हिन्दी, अंग्रेज़ी, तेलगू और गुजराती में अनूदित एवं ‘इंडियन लिटरेचर’, ‘म्यूज इंडिया’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य’, ‘शब्दयोग’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘हंस’, ‘वागर्थ’, ‘जनसत्ता’, ‘अक्षरा’, ‘विपुला’ (तेलगू), ‘भाषा बन्धन’ (बांग्ला) जैसी पत्र-पत्रिकाओं व वेबसाइट में प्रकाशित।

ओड़िया कहानी-संग्रह 'प्राप्ति’ के लिए वर्ष 2016 के केन्द्रीय साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली से पुरस्कृत। ओड़िशा राज्य साहित्य अकादेमी, भारतीय भाषा परिषद (कोलकाता), जी. रथ फ़ाउंडेशन
(ओड़िशा) आदि की तरफ़ से पुरस्कृत व सम्मानित।

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