Nirala : Aatmhanta Astha-Text Book

Author: Doodhnath Singh
ISBN: 9788180313196
Edition: 2020, Ed. 9th
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
₹175.00
In stock
SKU
9788180313196
- +
Share:

निराला : आत्महन्ता आस्था’ दरअसल एक नए कवि-कथाकार द्वारा एक-दूसरे कवि का आत्मीय विश्लेषण है। इसका एक नाम यह भी हो सकता था—‘एक लेखक की निजी नोट-बुक में एक दूसरा लेखक’। यह पुस्तक लेखक के उन्हीं ‘नोट्‌स’ का क्रमबद्ध रूपान्तरण है, उसके निजी आनन्द की अभिव्यक्ति है। लेकिन आनन्द की यह अभिव्यक्ति लेखक के श्रद्धा-विगलित क्षणों की उपज न होकर, उसके दिमाग़ की तार्किक रस-सिद्धि का परिणाम है; उसके सधे हुए सुर की झंकार है। अत: उसमें एक तर्कपूर्ण निजी शास्त्रीयता भी है। इसीलिए वह मात्र प्रशस्ति-वाचन या निन्दा नहीं है, बल्कि निराला की काव्य-ऊर्जा तक पहुँचने के लिए बनाया गया एक नया और निजी द्वार है, जिससे जागरूक पाठक और नए आलोचक एक नई जगह से उस सिंह के दर्शन कर सकें। जब आप इस नए द्वार से प्रवेश करेंगे—तभी समझ सकेंगे कि क्यों निराला दूसरे छायावादी कवियों से विरोधी दिशा के कवि हैं? क्यों उनको बने-बनाए काव्य-सिद्धान्तों में 'फिट-इन' नहीं किया जा सकता? क्यों उनकी रचनात्मकता का अध्ययन करने के लिए काल-क्रम का आधार बेमानी ठहरता है? तब आप उस अँधेरी गुफा में बैठी, उन जलती आँखों के सान्द्र प्रकाश का साक्षात्कार कर पाएँगे। इसी साक्षात्कार के लिए प्रस्तुत है यह पुस्तक—‘निराला : आत्महन्ता आस्था’।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1972
Edition Year 2020, Ed. 9th
Pages 320p
Price ₹175.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Nirala : Aatmhanta Astha-Text Book
Your Rating
Doodhnath Singh

Author: Doodhnath Singh

दूधनाथ सिंह

जन्म : 17 अक्टूबर, 1936; उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के एक छोटे-से गाँव सोबन्धा में।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी साहित्य), इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

कुछ दिनों (1960-62) तक कलकत्ता में अध्यापन। फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग में।

लेखन की शुरुआत सन् 1960 के आसपास।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘आख़िरी कलाम’, ‘निष्कासन’ (उपन्यास); ‘सपाट चेहरे वाला आदमी’, ‘सुखान्त’, ‘प्रेमकथा का अन्त न कोई’, ‘माई का शोकगीत’, ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’, ‘तू फ़ू’ (कहानी-संग्रह); ‘कथा समग्र’ (सम्पूर्ण कहानियाँ); ‘नमो अंधकारं’ (आख्यान); ‘यमगाथा’ (नाटक); ‘अपनी शताब्दी के नाम’, ‘एक और भी आदमी है’,  ‘तुम्हारे लिए’, ‘युवा ख़ुशबू’, ‘एक अनाम कवि की कविताएँ’ (प्रस्तुति)(कविता-संग्रह); ‘सुरंग से लौटते हुए’ (लम्बी कविता); ‘निराला : आत्महन्ता आस्था’ (निराला की कविताओं पर एक सम्पूर्ण किताब); ‘लौट आ, ओ धार!’ (संस्मरण); ‘कहा-सुनी’ (साक्षात्कार और आलोचना); ‘महादेवी’ (महादेवी की सम्पूर्ण रचनाओं पर एक किताब)।

सम्पादन : ‘तारापथ’ (सुमित्रानन्दन पंत की कविताओं का संचयन), ‘दो शरण’ (निराला की भक्ति कविताओं का संचयन), ‘भुवनेश्वर समग्र’, ‘एक शमशेर भी है’, ‘चार यार : आठ कहानियाँ’।

अनुवाद : अंग्रेज़ी, जर्मन, मराठी, मलयालम, पंजाबी, गुजराती तथा बांग्ला भाषाओं में कहानियों, उपन्यासों तथा नाटकों का अनुवाद।

निधन: 12 जनवरी, 2018

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top