Ummidon Ke Geetkar Shailendra : Cinema Mein Rache Gaane, Zindagi Mein Base Gaane

Author: Yunus Khan
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Ummidon Ke Geetkar Shailendra
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‘उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द’ सिर्फ़ शैलेन्द्र के गीतों और उनकी प्रतिभा के बारे में नहीं है, यह किताब इसके साथ-साथ फ़िल्मों की संरचना, फ़िल्मों की दुनिया में रचनात्मकता के आयामों और गीतों की निगाह से फ़िल्म और उसकी कथा को भी देखती और दिखाती है।

गीत की विधा के मास्टर और अपने समय तथा समाज को ज़मीन पर उतरकर देखने-समझने वाले गीतकार-कवि शैलेन्द्र ने अपने छोटे-से फ़िल्मी जीवन में भारतीय जन-गण को वह दिया, जो सदियों उनके दुःख-सुख के साथ रहनेवाला है। अनेक ऐसे गीत, अनेक ऐसी पंक्तियाँ, जो मुहावरों की तरह हमारी ज़िन्दगी में शामिल हो गईं।

लेकिन वे गीत वजूद में कैसे आए, उन फ़िल्मों की पर्दे और पर्दे के पीछे की कहानियाँ जो इन गीतों को हम तक लाईं, शैलेन्द्र का अपना जीवन और उस दौर के हिन्दी सिनेमा का अनूठा माहौल; यह किताब हमें इस बारे में भी एक साथी की तरह पास बैठकर बताती है।

यूनुस ख़ान को रेडियो से और फ़िल्मी गीतों से जुड़े एक लम्बा अर्सा हो चुका है, फ़िल्मी गीतों को वे जुनून की तरह जीते हैं, शैलेन्द्र को इस किताब में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहीं अपने इस जुनून की लय को टूटने नहीं दिया। इस किताब में होना एक हमदम गद्य की गर्माइश में होना भी है; जहाँ शैलेन्द्र अपनी तमाम ख़ूबियों के साथ साकार होते दिखते हैं। 

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 280p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1.5
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Author: Yunus Khan

यूनुस खान

यूनुस खान रेडियो, फ़िल्म-संगीत की दुनिया का जाना-पहचाना नाम हैं। वे बीते ढाई दशकों से विविध भारती सेवा, मुम्बई में उद्घोषक हैं। उन्होंने विविध भारती के लिए सिनेमा की सैकड़ों कालजयी हस्तियों के इंटरव्यू लिए हैं। रेडियो के इतिहास, सिनेमा एवं संगीत पर अनेक कार्यक्रमों का निर्माण किया है। विगत तीन दशकों से सिनेमा पर लगातार लिख रहे हैं। ‘लोकमत समाचार’ में सिनेमा पर के​न्द्रित चर्चित कॉलम ‘जरा हट के’ का लेखन। पिछले कई वर्षों से लोकप्रिय ब्लॉग ‘रेडियोवाणी’ के लिए लेखन जारी। उन्होंने मशहूर गीतकार आनंद बख्शी की जीवनी ‘नग़्मे क़िस्से यादें बातें’ का अनुवाद किया है।

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