Nachti Akritiyan : Sherlock Holmes ke Jasoosi Karnamein

Translator: Sanjiv Nigam
Edition: 2021, Ed. 1st
Language: English
Publisher: Funda (An imprint of Radhakrishna Prakashan)
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Nachti Akritiyan : Sherlock Holmes ke Jasoosi Karnamein
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शरलॉक होम्स ब्रिटिश लेखक सर आर्थर कॉनन डायल का काल्पनिक चरित्र है, लेकिन लोकप्रियता के मामले में वह अपने रचयिता से  कहीं ज़्यादा प्रसिद्ध है। वर्ष 1887 में अपनी पहली जासूसी कहानी ‘ग्लोरिया स्कॉट’ में डायल ने उसे पहली बार काग़ज़ पर उतारा और फिर वह उनके चार उपन्यासों तथा छप्पन कहानियों में अपराधों की गुत्थियाँ सुलझाता रहा।

अनेक फ़िल्मों और धारावाहिकों का विषय‌ बन चुके शरलॉक होम्स की विशेषता है–जासूसी को लेकर उसका सहजबोध और आपराधिक रहस्यों को खोलने के प्रति उसकी मानवीय सदिच्छा। उसकी तार्किक बुद्धि देर-सबेर अपराधी के दिमाग़ की कार्यशैली को समझ जाती है, और फिर उसे किसी भी मामले को सुलझाने में समय नहीं लगता। उसकी चतुराई, हाज़िरजवाब और मानव-व्यवहार को समझने की क्षमता उसे एक आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है।

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Language English
Binding Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 232p
Translator Sanjiv Nigam
Editor Not Selected
Publisher Funda (An imprint of Radhakrishna Prakashan)
Dimensions 20 X 13 X 1.5
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Author: Sir Arthur Conan Doyle

सर आर्थर कॉनन डॉयल

जासूसी कथाओं के सिरमौर, ब्रिटिश लेखक और चिकित्सक सर आर्थर कॉनन डायल का जन्म 22 मई, 1859 में एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में हुआ था। विश्व साहित्य में शरलॉक होम्स जैसे एक ऐसे किरदार की रचना का श्रेय उन्हें जाता है जो किसी वास्तविक चरित्र से कहीं अधिक वास्तविक लगता है।

डॉयल ने शरलॉक होम्स के किरदार को लेकर चार उपन्यासों और छप्पन कहानियों की रचना की। इनके अलावा ‘दि मिस्ट्री ऑफ़ क्लूम्बर’, ‘सर निगेल’, ‘दि व्हाइट कम्पनी’, ‘दि लॉस्ट वर्ल्ड’, ‘दि रिफ्यूजीज़’, ‘दि लैंड ऑफ़ मिस्ट’ आदि उनकी अन्य चर्चित कृतियाँ हैं।

सर आर्थर ने दक्षिण अफ्रीका में दूसरे बोअर युद्ध (1899-1902) में स्वयंसेवी डॉक्टर के रूप में काम किया और युद्ध पर भी एक किताब लिखी–‘दि ग्रेट बोअर वॉर’। उन्हें ‘क्वींस साउथ अफ्रीका मेडल’, ‘नाईट बैचलर’, ‘नाईट ऑफ़ दि ऑर्डर ऑफ़ दि क्राउन ऑफ़ इटली’ आदि कई महत्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित किया गया।

7 जुलाई, 1930 को इंग्लैंड में उनका निधन हुआ।

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