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Manjil Se Jyada Safar-Paper Back

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यह पुस्तक सवालों के ज़रिए विश्वनाथ प्रताप सिंह की राजनीतिक जीवनी है, आत्मकथा और जीवन-वृतान्त से अलग। पूरी पुस्तक प्रश्नोत्तर शैली में है। राजा बहादुर मांडा राम गोपाल सिंह ने उन्हें बचपन में गोद लिया। इस तरह वे डैया से मांडा परिवार के हो गए। ये दोनों रियासतें पड़ोसी हैं। बचपन से वे सृजनशील रहे। राजनीति में क़दम रखने और शिखर तक पहुँचने की यात्रा का इस पुस्तक में रोचक वृतान्त है।

कवि और कलाकार बने रहने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह ने सक्रिय राजनीति से अवकाश लिया। उनका स्वास्थ्य जैसा भी रहा, वह उनकी संकल्प-शक्ति में कभी मामूली अड़चन भी नहीं डाल सका। इसीलिए वे मुम्बई, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के झुग्गी-झोंपड़ी वासियों के लिए उस तरह संघर्षरत रहे जैसे कि भरी जवानी में बने हुए थे।

इस पुस्तक के ग्यारह अध्यायों में आख़िरी जो है उसमें कुछ मुद्दों पर उनके विचार हैं।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Rambahadur Rai
Isbn 10 8126712376
Publication Year 2006
Edition Year 2006, Ed. 2nd
Pages 536p
Price ₹200.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Author: Vishvanath Pratap Singh

विश्वनाथ प्रताप सिंह

जन्म : 25 जून, 1931 को इलाहाबाद के डैया राज परिवार में।

शिक्षा : बी.ए., बी.एस-सी., एल.एल.बी., इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय।

सदस्य, उत्तर प्रदेश विधानसभा (1969-70,1980-जुलाई 83); सदस्य, लोकसभा (1971-77, 1980, 1988-89, 1989-91, 1991-94); सदस्य, राज्यसभा (1983-88); केन्द्र में वाणिज्य उपमंत्री, राज्यमंत्री, वाणिज्य मंत्री, वित्तमंत्री, रक्षामंत्री। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश (जून 1980-82)।

अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (1984); अध्यक्ष, जनता दल (अक्टूबर, 1988); संयोजक, राष्ट्रीय मोर्चा (अगस्त 1988)।

प्रधानमंत्री (2 दिसम्बर, 1989-10 नवम्बर, 1990)।

लोकसभा से इस्तीफ़ा (6 दिसम्बर, 1994), पाँच साल के लिए सक्रिय राजनीति से संन्यास, प्रधानमंत्री पद ठुकराया (29 मई, 1996), जनचेतना मंच, किसान मंच और जनमोर्चा के ज़रिए सतत संघर्ष, जनमोर्चा गठबन्धन बनाया और ‘जन दलֺ’ नामक राजनीतिक पार्टी के संरक्षक। 

प्रमुख कृतियाँ : ‘एक टुकड़ा धरती एक टुकड़ा आकाश’ (कविता-संग्रह), ‘ईवरी टाइम वेकअप’, ‘इट इज़ नाइट’ (कविता-संग्रह)।

इनके बनाए कई चित्र भी काफ़ी लोकप्रिय रहे।

निधन : 27 नवम्बर, 2008

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