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Madhyakaleen Bharat : Naye Aayam-Paper Back

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9789389598315
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क्या भारतीय इतिहास में फ़्यूडलिज़्म था? इस सवाल पर विचार करने से पहले कुछ ख़ास शब्दों की परिभाषा तय कर लेना उचित होगा। दूसरे शब्दों में फ़्यूडलिज़्म क्या है, इसे साफ़ कर लेना चाहिए। बदक़िस्मती से इस आसान सवाल का जवाब भी इतिहासकारों ने अलग-अलग ढंग से दिया है। अगर फ़्यूडलिज़्म की कोई ऐसी परिभाषा नहीं मिलती जिसे समान रूप से पूरी दुनिया पर लागू किया जा सके, तो इसका वस्तुगत कारण है और उसका हमारी बात के लिए ख़ास महत्त्व है : फ़्यूडलिज़्म कोई विश्व-व्यवस्था नहीं था, पूँजीवाद ही सबसे पहली विश्व-व्यवस्था बना। इसका मतलब यह हुआ कि फ़्यूडलिज़्म का कोई ऐसा सारतत्त्व नहीं रहा है जो पूरी दुनिया पर लागू हो सके, जैसा कि पूँजीवाद का है। जब हम पूँजीवाद की चर्चा अमूर्त रूप में, सार रूप में, माल की सामान्यीकृत उत्पादन प्रणाली के रूप में करते हैं जिसमें श्रमशक्ति ख़ुद भी एक माल होती है, तो हमें इसका एहसास रहता है कि पूरा मानव समाज अपने विकास के किसी न किसी स्तर पर इस उत्पादन प्रणाली की गिरफ़्त में आ चुका है। दूसरी ओर, फ़्यूडलिज़्म पूरे इतिहास के दौरान पूरी दुनिया पर एक साथ कभी भी काबिज़ नहीं रहा। यह किसी ख़ास काल और ख़ास इलाक़ों में, जहाँ उत्पादन के ख़ास तरीक़े और संगठन मौजूद थे, सामाजिक-आर्थिक संगठन का एक ख़ास रूप था।

—इसी पुस्तक से

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 247p
Price ₹200.00
Publisher Rajkamal Prakashan - Akshar
Dimensions 22 X 14 X 3
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Harbans Mukhia

Author: Harbans Mukhia

हरबंस मुखिया

हरबंस मुखिया का जन्म 1939 में हुआ। आपने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से 1958 में बी.ए. किया, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से 1969 में अपना शोध-कार्य पूरा किया। आप देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के 'सेंटर फ़ॉर हिस्टोरिकल स्टडीज' में मध्यकालीन इतिहास के प्रोफ़ेसर रहे। सन् 2004 में सेवानिवृत्ति के पश्चात् आप अध्ययन कार्यों में लगे हुए हैं। ‘हिस्टोरियंस एंड हिस्टोरियोग्राफ़ी ड्यूरिंग द रेन ऑफ़ अकबर’, टी.जे. बोयेर्स के साथ सम्पादित ‘फ़्यूडलिज़्म एंड नॉन-यूरोपियन सोसाइटीज’ तथा मारिस एमार के साथ सम्पादित ‘फ़्रेंच स्टडीज इन हिस्ट्री’ (दो खंडों में) आपकी अन्य प्रमुख पुस्तकें हैं।

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