Maaran Mantra

Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
As low as ₹179.10 Regular Price ₹199.00
10% Off
In stock
SKU
Maaran Mantra
- +
Share:

समय के चालाक और कुटिल हेर-फेर के बाद बनारस के घोर-घनघोर जीवन को एक ऐसे किस्सागो की जरूरत थी, जो वक्त के साथ उतनी ही बेहयाई और बेरहमी से पेश आने की कुव्वत रखता हो। विमल चन्द्र पाण्डेय इस जरूरत को पूरा करते हैं। उनकी कहानी ‘जिन्दादिल’ का सिर्फ एक वाक्य ही काफी है—‘उनके घरों में पैसे की कमी थी, लेकिन उनके भीतर जीवन की कमी नहीं थी।’ इस छोटी-सी बनारसी अन्दाज की कहानी में ऊँचे तबके के ब्रांडेड जूतों के साथ निचले तबके के डुप्लीकेट जूतों की सीधी टक्कर है। विमल की कहानियों के पाँव अपने ठेठ लोकेल पर टिके हैं, लेकिन आँखें चारों तरफ देखती हैं। इन कहानियों में गजब का आमादापन है, बेधड़क लड़कपन है लेकिन इनके पात्र लम्पट नहीं हैं। अपनी सारी कमजोरियों और बदमाशियों के बावजूद उनके पास एक तेज और सनसनाती वर्ग चेतना है, धधकती हुई भावनाएँ हैं और सुलगती हुई गहराइयाँ भी जो ‘मारण मंत्र’ जैसी कहानी को सम्भव बनाती हैं। उसकी मार्मिकता जितनी विध्वंसक है उतनी ही आत्मघाती भी। प्रेम, रहस्य, वीभत्स तांत्रिक साधना और कामुकता के इस घातक मिश्रण को जाति और वर्ग भेद के कॉम्‍पलेक्‍स और ज्यादा जहरीला बना देते हैं। इन कहानियों में फटीचरों, मुफलिसों और गाँजा-चरस या शराब पीने वाले नशेड़ियों का हुजूम जिस धरातल पर खड़ा है, उस धरातल के तापमान को पहचानने की जरूरत है। ये बिखरे और बिफरे हुए लोग जिस स्थायित्व और सम्मान के हकदार हैं वह उन्हें नहीं मिला तो हमारी पूरी सामाजिक संरचनाएँ तार-तार हो सकती हैं।     —मनोज रूपड़ा

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Maaran Mantra
Your Rating
Vimal Chandra Pandey

Author: Vimal Chandra Pandey

विमल चन्द्र पाण्डेय

विमल चन्द्र पाण्डेय का जन्म 20 अक्टूबर, 1981 को बनारस, उत्तर प्रदेश में हुआ। शुरुआती पढ़ाई बनारस में ही। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई और पाँच साल तक पत्रकारिता करने के बाद इस्तीफा। वर्तमान में फ्रीलांसिंग, लेखन और फिल्म-निर्देशन।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘डर’, ‘मस्तूलों के इर्द-गिर्द’, ‘उत्तर प्रदेश की खिड़की’ और ‘मारण मंत्र’ (कहानी-संग्रह); ‘भले दिनों की बात थी’ (उपन्यास); ‘ई इलहाब्बाद है भइया’ (संस्मरण)।

उनकी कहानियों और कविताओं के अनुवाद कन्नड़, मराठी, मलयालम, तमिल, गुजराती, रूसी और अंग्रेज़ी भाषाओं में हुए हैं। उनकी पहली फ़िल्म है ‘द होली फिश’ जिसके निर्देशन के अलावा लेखन और निर्माण भी उन्होंने स्वयं ही किया। दूसरी फ़िल्म ‘धतूरा’ रिलीज के लिए तैयार है।

उन्हें ‘भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार’ और ‘मीरा स्मृति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।

ई-मेल : vimalchandrapandey1981@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top