Lams

Author: Monika Singh
As low as ₹255.00 Regular Price ₹300.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Lams
- +

ग़ज़ल एक विधा के रूप में जितनी लोकप्रिय है, ग़ज़ल कहनेवाले के लिए उसे साधना उतना ही मुश्किल है। दो मिसरों का यह चमत्कार भाषा पर जैसी उस्तादाना पकड़ और कंटेंट की जैसी साफ़ समझ माँगता है, वह एक कठिन अभ्यास है। और अक्सर सिर्फ़ अभ्यास उसके लिए बहुत नाकाफ़ी साबित होता है। यह तक़रीबन एक ग़ैबी है जो या तो होती है या नहीं होती।

मोनिका सिंह की ये ग़ज़लें हमें शदीद ढंग से अहसास कराती हैं कि उन्हें ग़ैब का यह तोहफ़ा मिला है कि ज़ुबान भी उनके पास है और कहने के लिए बात भी। और बावजूद इसके कि ये उनका मुख्य काम नहीं है, उन्होंने ग़ज़ल पर ग़ज़ब महारत हासिल की है। अपने भीतर की उठापटक से लेकर दुनिया-जहान के तमाम मराहिल, ख़ुशियाँ और ग़म वे इतनी सफ़ाई से अपने अशआर में पिरोती हैं कि हैरान रह जाना पड़ता है। शब्दों की किसी बाज़ीगरी के बिना और बिना किसी पेचीदगी के वे अपना मिसरा तराशती हैं जिसमें लय भी होती है और मायने भी।

‘यह सबक मुझको सिखाया तल्ख़ी-ए-हालात ने, साफ़-सीधी बात कहनी चाहिए मुबहम नहीं।' मुबहम यानी जो स्पष्ट न हो। यही साफ़गोई इनकी ग़ज़ल की ख़ूबी है, और दूसरे यह कि ज़िन्दगी से दूर वे कभी नहीं जातीं। वे पूछती हैं—‘जिस मसअले का हल ज़माने पास है तेरे, क्यूँ बेसबब उसकी पहल तू चाहता मुझसे।’ दिल के मुआमलों में भी उनके ख़यालों की उड़ान अपनी ज़मीन को नहीं छोड़ती। दर्द का गहरा अहसास हो या कोई ख़ुशी उनकी ग़ज़ल के लिए सब इसी दुनिया की चीज़ें हैं। ‘ढल रहा सूरज, उसे इक बार मुड़ के देख लूँ, रात लाती कारवाँ ज़ुल्मत भरा वीरान सब/ख़ौफ़ आँधी का कहाँ था, गर मिलाती ख़ाक में, बारहा मिलते रहे मुझसे नए तूफ़ान सब।’

उम्मीद है हिन्दी पाठकों को ये ग़ज़लें अपनी-सी लगेंगी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 160p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.2 X 14.4 X 1.3
Write Your Own Review
You're reviewing:Lams
Your Rating
Monika Singh

Author: Monika Singh

मोनिका सिंह

जन्म : 11 सितम्बर, 1974

शिक्षा : उर्दू साहित्य व इतिहास से एम.ए., एलएलबी।

प्रकाशन : ‘लम्स’ (ग़ज़ल-संग्रह)।

देश-विदेश के विभिन्न मुशायरों में शिरकत एवं ग़ज़ल-पाठ।

सम्मान : महाराष्ट्र राज्य के उर्दू साहित्य अकादेमी का ‘उर्दू दोस्त सम्मान’, ‘परवीन शाकिर अवार्ड’, ‘सुपर वुमन अवार्ड’, ‘लिटरेरी एक्सीलेंस अवार्ड’ आदि।

सम्प्रति : डिप्टी कलेक्टर, पुणे, महाराष्ट्र।

ई-मेल : monikaasingh119@gmail.com

Read More
Books by this Author
Back to Top