Laal Pasina

Author: Abhimanyu Anat
Edition: 2020, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Laal Pasina
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मॉरिशस के यशस्वी कथाकार अभिमन्यु अनत का यह उपन्यास उनके लेखन में एक नए दौर की शुरुआत है। इस उपन्यास में वे देश और काल की सीमाओं में बँधी मानवीय पीड़ा को मुक्त करके साधारणीकरण की जिस उदात्त भूमि पर प्रतिष्ठित कर सके हैं, वह उनके रचनाकार की ही नहीं, समूचे हिन्दी कथा-साहित्य की एक उपलब्धि मानी जाएगी।

मॉरिशस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस उपन्यास में उन भारतीय मज़दूरों के जीवन-संघर्षों की कहानी है, जिन्हें चालाक फ़्रांसीसी और ब्रिटिश उपनिवेशवादी सोना मिलने के सब्जबाग दिखाकर मॉरिशस ले गए थे। वे भोले-भाले निरीह मज़दूर अपनी ज़रूरत की मामूली-सी चीज़ें लेकर अपने परिवारों के साथ वहाँ पहुँच गए। उन्होंने वहाँ की चट्टानों को तोड़कर समतल बनाया, और उनकी मेहनत से वह धरती रसीले और ठोस गन्ने के रूप में सचमुच सोना उगलने लगी। आज मॉरिशस की समृद्ध अर्थव्यवस्था का आधार गन्ने की यह खेती ही है। लेकिन जिन भारतीयों के खून और पसीने से वहाँ की चट्टानें उपजाऊ मिट्टी के रूप में परिवर्तित हुईं, उन्हें क्या मिला? यह उपन्यास मॉरिशस के इतिहास के उन्हीं पन्नों का उत्खनन है जिन पर भारतीय मज़दूरों का ख़ून छिटका हुआ है, और जिन्हें वक़्त की आग जला नहीं पाई। आज मॉरिशस एक सुखी-सम्पन्न मुल्क के रूप में देखा जाता है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 1977
Edition Year 2020, Ed. 3rd
Pages 364p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 3
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Abhimanyu Anat

Author: Abhimanyu Anat

अभिमन्यु अनत

जन्म : 9 अगस्त, 1937।

मॉरिशस के प्रवासी भारतीय। हिन्दी कथाकार और कवि के रूप में मॉरिशस ही नहीं भारत में भी विशिष्ट ख्याति अर्जित की। अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने मॉरिशस में न केवल प्रवासी भारतीयों की अस्मिता को नई पहचान दी, बल्कि वहाँ भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा व साहित्य का प्रचार-प्रसार भी किया।

उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, जीवनी आदि विधाओं में क़रीब 55 पुस्तकें प्रकाशित तथा 50 से अधिक हिन्दी नाटकों का लेखन।

प्रमुख कृतियाँ : ‘लाल पसीना’, ‘गांधी जी बोले थे’, ‘नदी बहती रही’, ‘एक उम्मीद और’, ‘एक बीघा प्यार’ (उपन्यास); ‘ख़ामोशी के चीत्कार’ (कहानी-संग्रह); ‘नागफनी में उलझी साँसें’ (कविता-संग्रह); ‘देख कबीरा हाँसी’ (नाटक)।

निधन : 4 जून, 2018

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