Gandhi Ji Bole Theiy

Author: Abhimanyu Anat
Edition: 2024, Ed. 4th
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Gandhi Ji Bole Theiy
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मॉरिशस के सुप्रसिद्ध हिन्दी कथाकार अभिमन्यु अनत का यह उपन्यास उनकी बहुचर्चित कथाकृति ‘लाल पसीना’ की अगली कड़ी है। ‘लाल पसीना’ मॉरिशस की धरती पर प्रवासी भारतीयों की शोषणग्रस्त ज़िन्दगी के अनेकानेक अँधेरों का दर्दनाक दस्तावेज़ है, लेकिन इस उपन्यास में हम उसी ज़िन्दगी और उन अँधेरों से चेतना का एक नया सूर्योदय होता हुआ देखते हैं।

हज़ारों-हज़ार शोषित मज़दूर-किसानों के बीच होनेवाला यह सूर्योदय शिक्षा, संगठन और संघर्ष का प्रतीक है और इसी का मूर्त रूप है उपन्यास का नायक ‘परकाश’। शैशव में उसने दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौट रहे गांधीजी को सुना था। उन्हीं के आदर्श से वह प्रेरित है—अन्याय के अस्वीकार के लिए शिक्षा और राजनीति का स्वीकार तथा मानवोचित अधिकारों की प्राप्ति के लिए संगठन और संघर्ष।

इस अन्तर्वस्तु को उजागर करने के क्रम में लेखक ने जिस वातावरण, घटनाओं और चरित्रों की सृष्टि की है, वह अविस्मरणीय है। आज से सत्तर-अस्सी वर्ष पूर्व के मॉरिशसीय समाज में भारतीयों की जो स्थिति थी—मर्मान्तक ग़रीबी के बीच अपनी ही बहुविध जड़ताओं और गौरांग सत्ताधीशों से उनका जो दोहरा संघर्ष था—उसे उसकी समग्रता में हम यहाँ बखूबी महसूस करते हैं। मदन, परकाश, सीता, मीरा, सीमा आदि इस उपन्यास के ऐसे पात्र हैं, जिनके विचार, संकल्प, श्रम, त्याग और प्रेम-सम्बन्ध उच्च मानवीय आदर्शों की स्थापना करते हैं और जो किसी भी संक्रमणशील जाति के प्रेरणास्रोत हो सकते हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2008
Edition Year 2024, Ed. 4th
Pages 214p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Abhimanyu Anat

Author: Abhimanyu Anat

अभिमन्यु अनत

जन्म : 9 अगस्त, 1937।

मॉरिशस के प्रवासी भारतीय। हिन्दी कथाकार और कवि के रूप में मॉरिशस ही नहीं भारत में भी विशिष्ट ख्याति अर्जित की। अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने मॉरिशस में न केवल प्रवासी भारतीयों की अस्मिता को नई पहचान दी, बल्कि वहाँ भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा व साहित्य का प्रचार-प्रसार भी किया।

उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, जीवनी आदि विधाओं में क़रीब 55 पुस्तकें प्रकाशित तथा 50 से अधिक हिन्दी नाटकों का लेखन।

प्रमुख कृतियाँ : ‘लाल पसीना’, ‘गांधी जी बोले थे’, ‘नदी बहती रही’, ‘एक उम्मीद और’, ‘एक बीघा प्यार’ (उपन्यास); ‘ख़ामोशी के चीत्कार’ (कहानी-संग्रह); ‘नागफनी में उलझी साँसें’ (कविता-संग्रह); ‘देख कबीरा हाँसी’ (नाटक)।

निधन : 4 जून, 2018

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