राजेन्द्र श्रीवास्तव के कहानी-संग्रह 'कोई तकलीफ़ नहीं' की एक कहानी, जिसका शीर्षक 'कहानी' है, में आए कुछ वाक्य हैं—'...मछली का लुत्फ उठाते हुए मैं यही सोच रहा था कि सुख की भी कितनी अलग-अलग क़िस्में हैं। स्वादिष्ट भोजन का सुख अलग, सेक्स का सुख अलग, अच्छी रचना लिखने का सुख अलग। बड़ी ग़ज़ब की वैराइटी है, एक-दूसरे से सर्वथा भिन्न।' जीवन में सुख और दु:ख की न जाने कितनी क़िस्में होती हैं। एक अच्छे रचनाकार को इनकी अचूक पहचान होती है। इन्हीं से मिलकर अनन्तरूपी जीवन की रचना होती है।

राजेन्द्र श्रीवास्तव की कहानियाँ सभ्यता के इस 'अन्तर्विरोधी चरण' में आ चुके समाज की दुखती रगों पर उँगली रखती हैं। यह समाज जो एक साथ सम्पन्न भी है और दरिद्र भी, जीवन्त भी है और मरणासन्न भी। ‘जन्मदिन की पार्टी' में जब विचित्र तरह से व्यंजनों की सूची आती है तब 'भूख' शब्द की उपस्थिति महसूस होती है। ‘तिरस्कार’ की सावित्री, 'साड़ी' की सास-बहू, ‘हार-जीत’ के माहेश्वरी प्रसाद और ‘सम्पन्नता’ के विनायक बाबू जैसे चरित्र जीवन के घात-प्रतिघात से उपजे हैं। मर्म से भरी भाषा ने कहानियों को गति दी है। संग्रह की एक कहानी ‘पूरी लिखी जा चुकी कविता’ का निहितार्थ समझ लें तो जीवन और शब्द का सहजीवी रिश्ता भी जगमगा उठता है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Edition Year 2019, Ed. 2nd
Pages 112p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
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Rajendra Shrivastava

Author: Rajendra Shrivastava

राजेन्द्र श्रीवास्तव

शिक्षा : बी.एससी., बी.ए. (अंग्रेज़ी साहित्य), एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी. (हिन्दी)

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अभी वे जानवर नहीं बने’, ‘कोई तकलीफ़ नहीं’, ‘दुःखाच सावज’ (कहानी-संग्रह); ‘सुबह के इन्तज़ार में’ (नाटक); ‘काग़ज़ की ज़मीन पर’ (सम्पादक); ‘हिन्दी कहानी : उद्‍भव और विकास’, ‘हिन्दी उपन्यास : उद्‍भव और विकास’ (आलोचना)। विश्वविद्यालयों के लिए कुल दो पुस्तकों का लेखन।

सम्मान व पुरस्कार : महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादेमी का ‘मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार’, ‘विष्णुदास भावे पुरस्कार’, ‘शब्द-निष्ठा सम्मान’, ‘आशीर्वाद पुरस्कार’, ‘कलमकार पुरस्कार’, ‘आन्‍तरभारती साहित्य पुरस्कार’, ‘हिन्दीश्री सम्मान’, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ‘हिन्दी-सेवी सम्मान’ आदि। ‘सारिका’ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर रचना पुरस्कृत। 

आकाशवाणी द्वारा नाटकों और कहानियों का नियमित प्रसारण। दूरदर्शन और टी.वी. चैनलों पर भाषा व साहित्य विषयक साक्षात्कार। विभिन्न नाटकों का प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा मंचन। विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रमों में रचनाओं का समावेश। रचनाओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद। विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ के सदस्य के रूप में नामांकित।

सम्प्रति : राष्ट्रीयकृत बैंक में कार्यपालक।

ई-मेल : rajendra2012s@gmail.com

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