Makadjaal

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राजेन्द्र श्रीवास्तव की कहानियाँ उम्मीद का नया पर्यावरण सृजित करती हैं। ऐसे कथाकार विश्वसनीयता का एक नया विश्व बनाते हैं। यह अकारण नहीं है कि उनकी कहानियाँ पढ़ते हुए पाठक का मन सिर्फ व्यथित नहीं होता बल्कि लंबे समय तक भीगा रहता है। उसे ऐसा लगता है जैसे यह कहानियाँ उसी के जीवन या उस जैसों के जीवन का वृत्तान्त हैं। कथाकार जानता है कि जीवन की सच्चाइयों से अधिक जादू किसी और मसाले में नहीं हो सकता। इसीलिए वह बहुत मद्धिम स्वर में अपने समय की सार्थक समीक्षा प्रस्तुत करता है।

राजेन्द्र की कहानियों में प्रेम, विश्वास और जिम्मेदारी का जीवनधर्मी रसायन है, वहाँ प्रेम एक जिम्मेदारी भी है। एक ऐसे समय में जब लोग हर प्रकार की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाना चाहते हैं तब कहानियों में ऐसे भावों को विन्यस्त करना लेखकीय उत्तरदायित्व का श्लाघ्य उदाहरण है। वे जानते हैं कि कहानी में क्या और कितना कहना है। शायद यही कारण है कि उनकी कहानियाँ अपने पाठकों को उबाती नहीं हैं। विषय चयन के साथ ही वे कहानी कला के प्रति भी सजग हैं। उनकी भाषा सादगी का सौंदर्यशास्त्र रचती है। बिल्कुल कबीर की भाषा की तरह। कहानियों में विन्यस्त दाहकता और शीतलता–पाठकों के अंतःकरण की सहचर बन जाती हैं।

—जितेन्द्र श्रीवास्तव

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 120p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
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Rajendra Shrivastava

Author: Rajendra Shrivastava

राजेन्द्र श्रीवास्तव

शिक्षा : बी.एससी., बी.ए. (अंग्रेज़ी साहित्य), एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी. (हिन्दी)

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अभी वे जानवर नहीं बने’, ‘कोई तकलीफ़ नहीं’, ‘दुःखाच सावज’ (कहानी-संग्रह); ‘सुबह के इन्तज़ार में’ (नाटक); ‘काग़ज़ की ज़मीन पर’ (सम्पादक); ‘हिन्दी कहानी : उद्‍भव और विकास’, ‘हिन्दी उपन्यास : उद्‍भव और विकास’ (आलोचना)। विश्वविद्यालयों के लिए कुल दो पुस्तकों का लेखन।

सम्मान व पुरस्कार : महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादेमी का ‘मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार’, ‘विष्णुदास भावे पुरस्कार’, ‘शब्द-निष्ठा सम्मान’, ‘आशीर्वाद पुरस्कार’, ‘कलमकार पुरस्कार’, ‘आन्‍तरभारती साहित्य पुरस्कार’, ‘हिन्दीश्री सम्मान’, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ‘हिन्दी-सेवी सम्मान’ आदि। ‘सारिका’ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर रचना पुरस्कृत। 

आकाशवाणी द्वारा नाटकों और कहानियों का नियमित प्रसारण। दूरदर्शन और टी.वी. चैनलों पर भाषा व साहित्य विषयक साक्षात्कार। विभिन्न नाटकों का प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा मंचन। विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रमों में रचनाओं का समावेश। रचनाओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद। विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ के सदस्य के रूप में नामांकित।

सम्प्रति : राष्ट्रीयकृत बैंक में कार्यपालक।

ई-मेल : rajendra2012s@gmail.com

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