Karyakshamta Ke Liye Aayurveda Aur Yog-Paper Back

Special Price ₹179.10 Regular Price ₹199.00
You Save 10%
ISBN:9788183611435
In stock
SKU
9788183611435
- +

डॉ. विनोद वर्मा के वर्षों के शोध और परिश्रम का निष्कर्ष यह पुस्तक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए निरोधी उपायों और दूसरे स्वावलम्बी तरीक़ों के विषय में सम्पूर्ण जानकारी देती है। लेखिका की विदेशों में आयुर्वेद की शिक्षा, आयुर्वेद और योग का लम्बे समय तक अध्ययन तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसन्धान और अनुभव इस पुस्तक को महत्त्वपूर्ण कृति बनाते हैं।

दफ़्तर में तनावमुक्त वातावरण कैसे बने, इसके लिए डॉ. विनोद वर्मा की पहली सलाह दैनिक योगाभ्यास है—एक ऐसा आसान-सा व्यायाम जो आपके पूरे दिन से मात्र 16 मिनट चाहता है। आगे डॉ. वर्मा आयुर्वेद के आधार पर तीन मूलभूत व्यक्ति-प्रकारों पर प्रकाश डालती हैं, ताकि आप अपने सहकर्मियों का भलीभाँति अध्ययन कर सकें। इस पुस्तक से आप अपने प्रकार को विभिन्न भोज्य पदार्थों और मसालों से सन्तुलित करने की प्रविधियाँ भी जानेंगे। निःसन्देह, यह कोई भोजन-निर्देशिका नहीं है, यह पुस्तक आपको केवल यह बताती है कि अपनी क्षमताओं के अधिकाधिक उपयोग के लिए आप अपनी ऊर्जा का समुचित सन्तुलन कैसे प्राप्त करें। आयुर्वेद की नज़र से देखें तो भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं है, वह आपकी ऊर्जा के पुनर्सन्तुलन के लिए एक महत्त्वपूर्ण साधन भी
है।

डॉ. विनोद वर्मा व्यावहारिक अध्यापिका हैं। वे दुनिया के कई हिस्सों में पढ़ाती रही हैं। अनेक भाषाओं में उनकी पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित व चर्चित हो चुके हैं। इसके अलावा उनके पास अनुभवों का ख़ज़ाना है और अत्यन्त तनावकारी व्यस्तता के साथ एक स्वस्थ जीवन-शैली के निर्वाह की कला भी। जिस पाँच हज़ार साल पुरानी जीवन-पद्धति की शिक्षा वे देती हैं, उसे वे अन्य असंख्य लोगों के साथ-साथ अपने ऊपर भी सफलतापूर्वक आज़मा चुकी हैं। क्यों न आप भी आज़माएँ? यदि आप कार्य-तत्पर प्रकृति के व्यक्ति हैं तो इस पुस्तक का अध्ययन आपको हर प्रकार से लाभान्वित करेगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2000
Edition Year 2024, Ed. 3rd
Pages 186p
Price ₹199.00
Translator Bhaskar Juyal
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Karyakshamta Ke Liye Aayurveda Aur Yog-Paper Back
Your Rating
Vinod Verma

Author: Vinod Verma

विनोद वर्मा

डॉ. वर्मा का जन्म और पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ जिसके हर रोज़ के क्रियाकलाप में ‘योग’ और ‘आयुर्वेद’ की बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने अपने पिता से यौगिक प्रक्रियाओं की शिक्षा प्राप्त की और अपनी दादी माँ द्वारा जीवन में आयुर्वेद को आत्मसात् हुआ। डॉ. वर्मा की दादी माँ को स्त्रियों और बच्चों के उपचार की स्वाभाविक योग्यता प्राप्त थी। पारिवारिक परम्परा के बावजूद डॉ. वर्मा ने आधुनिक चिकित्साशास्त्र के अध्ययन का निश्चय किया और डॉक्टर की दो उपाधियाँ अर्जित कीं—पंजाब विश्वविद्यालय से प्रजनन जीवविज्ञान (Reproduction Biology) में और पेरिस की Universite de Pierre et Marie Curie से तंत्रिका जीवविज्ञान (Neurobiology) में। तंत्रिका जीवविज्ञान के क्षेत्र में डॉ. वर्मा ने उन्नतिशील शोधकार्य किया—पहले National Institute of Health, Bethesda (USA) में और फिर Max-Planck Institute, Germany में। जर्मनी की एक औषधीय कम्पनी में चिकित्सा सम्बन्धी शोध के दौरान डॉ. वर्मा ने स्पष्ट अनुभव किया कि निरोग अवधान सम्बन्धी नवीनतम दृष्टिकोण विखंडित है, फिर भी हम लोग स्वास्थ्य-सम्पोषण को छोड़कर केवल बीमारियों के इलाज पर ही अपने सारे साधन और प्रयास लगाए जा रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए डॉ. वर्मा ने ‘Now’ (The New Way Health Organization) की स्थापना की, ताकि इसके द्वारा वह स्वास्थ्यप्रद पवित्र जीवन-शैली, स्वास्थ्य की देखभाल के लिए निरोधी उपायों और दूसरे स्वावलम्बी तरीक़ों के विषय में जानकारी लोगों तक पहुँचा सकें।

पिछले कई वर्षों से डॉ. वर्मा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आचार्य प्रियव्रत शर्मा के साथ प्राचीन गुरु-शिष्य परम्परा के अनुसार आयुर्वेदिक ग्रन्थों का अध्ययन कर रही हैं। इसके अलावा वह मानव जातीय और लोक साहित्यिक आयुर्वेदिक परम्परा के क्षेत्र में शोध करती रही हैं ताकि साधारण आयुर्वेदिक उपचार के घरेलू नुस्खों का पता लगाया जा सके।

डॉ. वर्मा के अनेक वैज्ञानिक शोध-लेख अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आयुर्वेद एवं योग आदि पर उनके पाँच ग्रन्थ भी विभिन्न यूरोपीय भाषाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

डॉ. वर्मा हर वर्ष कुछ महीने विदेश में बिताती हैं जहाँ आयुर्वेद और योग द्वारा स्वास्थ्य तथा दीर्घायु जैसे विषयों पर उनके भाषण, कार्य-शिविर तथा अन्य कार्यक्रम अत्यन्त लोकप्रिय हैं।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top