Kumar Vikal
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कुमार विकल
कुमार विकल का जन्म सन् 1935 में वजीराबाद, गुजरात (अब पाकिस्तान) में हुआ था। बचपन रावलपिंडी में बीता। प्राइमरी तक की शिक्षा वहीं प्राप्त की। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार लुधियाना आ गया। आर्य कॉलेज, लुधियाना में दो वर्षों तक इंटरमीडिएट के छात्र रहे, पर परीक्षा में नहीं बैठे। 1953 में एक मित्र के साथ देश-भ्रमण के लिए निकले और तीन वर्षों तक यायावरी की। इसके बाद कई छोटी-छोटी नौकरियाँ कीं। 1956 में लाहौर बुकशॉप लुधियाना-जालन्धर में नौकरी की। इसी काल में पंजाब में नये लेखकों की ‘जुण्डली’ उभरी जिसके मुखिया कुमार विकल माने जाते थे। रंगमंचीय गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। राजनीतिक विषयों में उनकी गहरी रुचि रही। बहुत सारी कविताएँ बांग्ला, मराठी, गुजराती और पंजाबी में अनूदित हुईं। 1962 से 1995 तक पंजाब विश्वविद्यालय के प्रकाशन विभाग में कार्य किया। उनके तीन कविता-संग्रह प्रकाशित हैं—‘एक छोटी-सी लड़ाई’, ‘रंग ख़तरे में हैं’ और ‘निरुपमा दत्त मैं बहुत उदास हूँ’।
उन्हें 1992 के ‘पहल सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
23 फरवरी, 1997 को चंडीगढ़ में उनका निधन हुआ।