प्रेम
समझ और तालमेल का नाम है। यह स्वतंत्र है, इसे स्वतंत्र ही रहना चाहिए।
पुरुष
अधिकार जताना चाहता है, आक्रामक, संरक्षक, शक्तिशाली, लक्ष्य पर केन्द्रित और भावनात्मक रूप से मजबूत दिखना चाहता है।
स्त्री
संवेदनशील, परवाह करने वाली, सृजनात्मक, एक समय में कई कार्य साधने वाली, भावुक और स्नेहिल होती है।
प्रेम सम्बन्ध
विश्वास की डोर से बँधे होते हैं। जब दो पूरी तरह से भिन्न व्यक्तित्व अपनी सारी कमियों सहित एक-दूसरे को स्वीकार करते हैं और विकट समय और परिस्थितियों में भी एक-दूसरे का साथ छोड़ने से इनकार कर देते हैं।
परिवार
हमारा नितांत निजी संसार है। जहाँ बाहर की दुनिया बाहर ही छूट जाती है।
परिवार मानवता को मिले सबसे बड़े उपहारों में से एक है। परिवार स्थायित्व और विश्वसनीयता की कसौटी है।
यह पुस्तक
जीवन के सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न का समाधान देती है—प्रेम कैसे किया जाए, प्रेम कैसे जिया जाए। ‘स्त्री’ और ‘पुरुष’ केवल एक साम्य रखते हैं—दोनों होमोसैपियन प्रजाति से सम्बद्ध हैं। बाकी दोनों ही बिलकुल अलग हैं इसलिए उनके प्रेम करने और प्रेम जताने के तरीके भी बिलकुल अलग हैं। यह पुस्तक इस प्रेम यात्रा में
आपकी साथी, गुरु और मार्गदर्शक बनेगी।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Publication Year | 2022 |
Edition Year | 2022, Ed. 1st |
Pages | 144p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 20 X 13 X 1 |