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Jigari-Hard Cover

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9788126728466
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‘जिगरी’ अशोक कुमार का सर्वाधिक चर्चित और पुरस्कृत उपन्यास है, जिसे इन्होंने एक हफ़्ते तक एक मदारी के साथ रहकर उसके पेशे और उसके भालू के स्वाभाव-व्यवहार का अध्ययन करने के बाद लिखा था। ‘अमेरिकन तेलगू एसोसिएशन’ की उपन्यास लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद इसका यह हिन्दी अनुवाद 2008 में साहित्य अकादेमी की पत्रिका ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ में प्रकाशित हुआ। उपन्यास की लोकप्रियता का यह प्रमाण है कि उस हिन्दी अनुवाद के आधार पर इसके मराठी, पंजाबी, ओड़िया, कन्नड़, बांग्ला, मैथिली आदि भाषाओं के अनुवाद पुस्तकाकार प्रकाशित हुए हैं। बाद में इसका अंग्रेज़ी अनुवाद भी प्रकाशित हुआ। अति संवेदनशील कथानक से युक्त इस उपन्यास में एक भालू और एक मदारी की कथा है, जिसमें मदारी की जीविका का आधार बने भालू के हाव-भाव, क्रिया-कलापों, क्रोध, अपनत्व आदि का तथा मदारी के साथ उसके आत्मीय सम्बन्धों का मार्मिक चित्रण किया गया है। यह है तो एक लघु उपन्यास पर सवाल बड़े खड़े कर देता है।

‘वन्य जीव संरक्षण क़ानून’ वन्य प्राणियों के संरक्षण की दिशा में एक स्वागतयोग्य क़दम है। लेकिन यहाँ यह भी सत्य है कि प्राणी और मनुष्य के बीच प्रेम और ममता का ऐसा मज़बूत सम्बन्ध होता है जो क़ानून का उल्लंघन भी लग सकता है। आज जब मानवीय संवेदनाएँ मन्द-दुर्बल पड़ती जा रही हैं, अधिकांशतः औपचारिक मात्र रह गई हैं, यह उपन्यास इन संवेदनाओं को बचाए रखने की आवश्यकता की ओर बरबस हमारा ध्यान खींचता है।

जीवन्त अनुवाद में प्रस्तुत एक अत्यन्त पठनीय उपन्यास।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator J. L. Reddy
Editor Not Selected
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed 1st
Pages 116p
Price ₹300.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1
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P. Ashok Kumar

Author: P. Ashok Kumar

पी. अशोक कुमार

पी. अशोक कुमार तेलगू के एक ऐसे महत्त्वपूर्ण कथाकार हैं जिन्होंने तेलंगाना के जनजीवन को लेकर पीड़ा और आवेग के साथ विस्तृत लेखन किया है और तेलगू साहित्य को समृद्ध किया है। अब तक इनके दो उपन्यास और छह कहानी-संकलन प्रकाशित हैं। जीविकोपार्जन के लिए इनके इलाक़े से खाड़ी के देशों में गए हुए लोगों की विवशता और यातनाओं को लेकर लिखा गया इनका उपन्यास ‘रेगिस्तान की लपटें’ तथा इसी विषय पर लिखी इनकी कई कहानियाँ बहुप्रशंसित एवं पुरस्कृत हैं।

सन् 1966 में जन्मे अशोक कुमार भारतीय भाषा परिषद् के ‘युवा लेखक पुरस्कार’, तेलगू विश्वविद्यालय के ‘धर्मनिधि पुरस्कार’ तथा ‘प्रतिभा पुरस्कार’, अप्पाजोस्युला विष्णुभोट्ला फ़ाउंडेशन के ‘विशिष्ट उपन्यासकार पुरस्कार’ समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं।

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