Idea Se Parde Tak : Kaise Sochta Hai Film Ka Lekhak ?

Edition: 2021, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹179.10 Regular Price ₹199.00
10% Off
In stock
SKU
Idea Se Parde Tak : Kaise Sochta Hai Film Ka Lekhak?
- +
Share:

यह किताब सिनेमा के एक सहयोगी पेशेवर के रूप में फ़ि‍ल्म-लेखक के कामकाज का सिलसिलेवार वृत्तान्त प्रस्तुत करती है। फ़ि‍ल्म का अपना तौर-तरीक़ा है, जिसके दायरे में रहकर ही फ़ि‍ल्म-लेखक को काम करना पड़ता है। इसलिए एक हद तक अपनी स्वायत भूमिका रखने के बावजूद उसको अपना काम करते हुए निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, कैमरा-निर्देशक आदि अनेक सहयोगी पेशेवरों के साथ संगति का ख़याल रखना पड़ता है। ज़ाहिर है, फ़ि‍ल्म-लेखन जिस हद तक कला है, उसी हद तक शिल्प और तकनीक भी। एक सफल फ़ि‍ल्म लेखक बनने के लिए जितनी ज़रूरत प्रतिभा की है, उतनी ही परिश्रम, कौशल, अनुशासन और समन्वय की। सबसे लोकप्रिय कला के रूप में अपनी जगह बना चुका सिनेमा आज एक महत्त्वपूर्ण इंडस्ट्री भी है जो लाखों-लाख युवाओं के सपनों का केन्द्र बन चुकी है। ऐसे में फ़ि‍ल्म-लेखन की दिशा में कदम बढ़ाने वालों के लिए यह किताब एक अपरिहार्य हैण्डबुक की तरह है।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 167p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Idea Se Parde Tak : Kaise Sochta Hai Film Ka Lekhak ?
Your Rating
Ramkumar Singh

Author: Ramkumar Singh

रामकुमार सिंह

लेखक-पटकथा लेखक रामकुमार सिंह दिलचस्प क़ि‍स्सागोई के लिए जाने जाते हैं। फतेहपुर शेखावाटी, राजस्थान के बिरानिया गाँव में किसान परिवार में पैदा हुए। राजस्थान में हिन्दी पत्रकारिता में नाम कमाया। पुरस्कृत हुए। कहानियाँ लिखीं। प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाओं में छपे। कहानियों के अनुवाद दूसरी भाषाओं में हुए। कहानी-संग्रह आया। राजस्थानी फ़ि‍ल्म ‘भोभर’ की कथा, संवाद और गीत लिखे। राजकमल प्रकाशन से आए उनके उपन्यास ‘जेड प्लस’ पर इसी नाम से डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में फ़ि‍ल्म बनी। इस फ़ि‍ल्म की पटकथा और संवाद लिखे। रामगोपाल वर्मा की ‘सरकार-3’ के संवाद और ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के कुछ गीत भी लिख चुके हैं। हाल में प्रकाशित उनका नया उपन्यास ‘सुपरस्टार की मौत’ काफी चर्चित रहा। लोक-कथाओं का दिलचस्प अन्दाज़ में पुनर्पाठ ‘बातपोश’ नाम से पॉडकास्ट करते हैं। इन दिनों मुम्बई में फ़ि‍ल्म-पटकथाओं और वेब सीरीज़ पर लगातार काम कर रहे हैं।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top