Satyanshu Singh
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सत्यांशु सिंह
बतौर निर्देशक शॉर्ट फ़िल्म ‘तमाश’ के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित। बचपन बिहार में बीता। मेडिकल की पढ़ाई के दौरान सिनेमा के सुलेमानी कीड़े ने काटा। एम.बी.बी.एस. की डिग्री छोड़कर सिनेमा में आने के लिए आर्म्ड फोर्सेज़ के बॉन्ड की भारी रकम चुकाई, फिर मुम्बई आ गए। पहली पटकथा लिखने के आठ साल बाद उस पर फ़िल्म ‘चिंटू का बर्थडे’ बनी, जिसे खुद अपने भाई देवांशु सिंह के साथ निर्देशित किया जो काफी चर्चित रही। कई नामी फ़िल्म संस्थानों में पटकथा अध्यापन किया। फ़िल्म ‘उड़ान’ के रोहन की कविताएँ सत्यांशु की हैं। ‘सुलेमानी कीड़ा’ और ‘फरारी की सवारी’ में गीत लिखे। ‘एआईबी फर्स्ट ड्राफ़्ट’ के सूत्रधार रहे। नए स्क्रीनराइटरों को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन स्क्रीनराइटिंग वर्कशॉप के ज़रिये अर्जित धनराशि को कोरोना आपदा कोष में दिया। िफ़लहाल मुम्बई में कई निर्माणाधीन फ़िल्मों और वेबसीरीज़ के साथ बतौर लेखक और सलाहकार जुड़े हुए हैं।