Hindi Sahitya Ka Uttarvarti Kaal

Literary Criticism
Author: Satyadev Mishra
As low as ₹280.00 Regular Price ₹400.00
You Save 30%
In stock
Only %1 left
SKU
Hindi Sahitya Ka Uttarvarti Kaal
- +

इस कृति में आधुनिक हिन्दी साहित्य की अन्यान्य विधाओं (कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी, निबन्ध, आलोचना, पत्रकारिता, जीवनी, आत्मकथा, रिपोर्ताज, रेखाचित्र, संस्मरण, यात्रा-वृत्तान्त, डायरी आदि) के उद्‌विकास का संक्षिप्त किन्तु प्रामाणिक लेखा-जोखा है। हिन्दी गद्य-पद्य की इन आधुनिक विधाओं के उत्स और विकास में पौर्वात्य के साथ पाश्चात्य साहित्य-समीक्षा का अनुप्रभाव भी यथास्थान रेखांकित किया गया है।

पुस्तक पाठक में सहज भाव-बोध अंकुरित करती है क्योंकि विषयाभिव्यक्ति प्रांजल है। इसलिए यह कृति हिन्दी के विश्वविद्यालयी स्तर के पाठकों के लिए नितान्त उपादेय एवं मूल्यवान है। इस कृति में सूचनाएँ, प्रस्तुतियाँ और स्थापनाएँ प्रामाणिक हैं और यह हिन्दी के सुविख्यात साहित्येतिहास-लेखकों, साहित्यकारों और समीक्षकों की मान्यताओं पर आधारित तथा अनुभावित है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 307p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Hindi Sahitya Ka Uttarvarti Kaal
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Satyadev Mishra

Author: Satyadev Mishra

डॉ. सत्यदेव मिश्र

प्रोफ़ेसर सत्यदेव मिश्र का जन्म एक छोटे से गाँव अलाहबाद पुर, एटा (उ.प्र.) में हुआ। आगरा विश्वविद्यालय से बी.ए. परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त उन्होंने एम.ए., पीएच.डी. (अंग्रेज़ी), पीएच.डी. एवं डी.लिट्. (हिन्दी) की शोधोपाधियाँ क्रमशः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जोधपुर विश्वविद्यालय एवं लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त कीं।

डॉ. मिश्र ने अपने कैरियर का प्रारम्भ अंग्रेज़ी लेक्चरर से किया। क.मुं. हिन्दी विद्यापीठ (आगरा विश्वविद्यालय) तथा लखनऊ विश्वविद्यालय में वे क्रमशः हिन्दी लेक्चरर, रीडर एवं प्रोफ़ेसर रहे।

डॉ. मिश्र ने लगभग कई कृतियों का प्रणयन किया है।

वे लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में ‘इमेरिटस फ़ेलो’ (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली) के रूप में कार्यरत रहे।

Read More
Books by this Author

Back to Top