Bhasha Aur Sameeksha Ke Bindu

Author: Satyadev Mishra
Edition: 2006
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Bhasha Aur Sameeksha Ke Bindu

आधुनिक हिन्दी-समीक्षा के स्वरूप-विकास में पौर्वात्य से कहीं अधिक पाश्चात्य समीक्षा-दर्शन का अनुप्रभाव परिलक्षित हो रहा है। आज विश्वविद्यालयों और प्रतियोगी-परीक्षाओं में जिन समीक्षा-सिद्धान्तों, आलोचनात्मक प्रत्ययों, समीक्षा-आन्दोलनों की चर्चा का विषय बनाया जा रहा है, प्रश्नांकनों की कसौटी पर कसा जा रहा है, उनमें से अधिकांश पाश्चात्य भाषा-विमर्श, साहित्य-कला-दर्शन और अन्य साहित्येतर अनुशासनों से अनुस्यूत हैं। इन नवोन्मेषी सिद्धान्तों, वादों और समीक्षात्मक संकल्पनाओं, साहित्येतर अवधारणाओं का प्रामाणिक विमर्श इस ग्रन्थ में है।

प्रस्तुत कृति संगोष्ठियों में विमर्श के अधुनातन सन्दर्भों से सम्पृक्त है। विश्वास है कि शिक्षकों-शिक्षार्थियों, प्रतियोगियों और जिज्ञासुओं के लिए यह उपादेय सिद्ध होगी।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Edition Year 2006
Pages 365p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Satyadev Mishra

Author: Satyadev Mishra

डॉ. सत्यदेव मिश्र

प्रोफ़ेसर सत्यदेव मिश्र का जन्म एक छोटे से गाँव अलाहबाद पुर, एटा (उ.प्र.) में हुआ। आगरा विश्वविद्यालय से बी.ए. परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त उन्होंने एम.ए., पीएच.डी. (अंग्रेज़ी), पीएच.डी. एवं डी.लिट्. (हिन्दी) की शोधोपाधियाँ क्रमशः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जोधपुर विश्वविद्यालय एवं लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त कीं।

डॉ. मिश्र ने अपने कैरियर का प्रारम्भ अंग्रेज़ी लेक्चरर से किया। क.मुं. हिन्दी विद्यापीठ (आगरा विश्वविद्यालय) तथा लखनऊ विश्वविद्यालय में वे क्रमशः हिन्दी लेक्चरर, रीडर एवं प्रोफ़ेसर रहे।

डॉ. मिश्र ने लगभग कई कृतियों का प्रणयन किया है।

वे लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में ‘इमेरिटस फ़ेलो’ (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली) के रूप में कार्यरत रहे।

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