सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और विकास के वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य को देखें तो चीन उतना ही दिलचस्प देश है जितना भारत रहा है। लेकिन कई कारणों से हम चीन के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं जानते। तक़रीबन इतना ही कि उसकी जनसंख्या हमसे ज़्यादा है, और अब यह कि ‘मेड इन चाइना’ सस्ता तो बहुत है, पर भरोसेमन्द बिलकुल नहीं।’ लेकिन चीन में इसके अलावा ऐसा बहुत कुछ है जिसे जानना न सिर्फ़ इन दोनों देशों के बेहतर रिश्तों के लिए ज़रूरी है, बल्कि ऐसे भी अनेक पहलू हैं जिन्हें जानकर हम अपने देश में भी कुछ बेहतर नागरिक होने की कोशिश कर सकते हैं; मसलन—नागरिक अनुशासन, स्वच्छता को लेकर सार्वजानिक सहमति और इसके लिए लगातार किया जानेवाला उद्यम।
निजी अनुभवों और अध्ययन के आधार पर लिखी गई यह पुस्तक हमें चीन के इतिहास, वहाँ के रीती-रिवाजों, पारिवारिक संरचना, विवाह-परम्परा, खान-पान की शैलियों के साथ-साथ चीन की वर्तमान आर्थिक संरचना, व्यापारिक-व्यावसायिक स्थितियों और विश्व में चीन की राजनीतिक भूमिका से भी परिचित कराती है।
स्वाभाविक है कि पुस्तक की रचना भारत-चीन सम्बन्धों की बेहतरी को ध्यान में रखकर की गई है जिसके लिए इसमें समय-समय पर प्रकाशित कुछ आलेखों को भी शामिल किया गया है और उन ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का भी उल्लेख किया गया है, जिनका योगदान दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने में रहा है।
Language | Hindi |
---|---|
Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2016 |
Edition Year | 2016, Ed. 1st |
Pages | 216P |
Price | ₹199.00 |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 2 |