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Hazariprasad Dwivedi : Samgra Punravlokan-Hard Cover

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9788180317279
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पाँच अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक हजारीप्रसाद द्विवेदी के साहित्य, उपन्यास, निबन्ध, आलोचना, इतिहास, उनके व्यक्तित्व और चिन्तन के विविध आयामों को समग्रता में पेश करती है। स्वयं लेखक के अनुसार इस कृति के केन्द्र में रचना, आलोचना और मूल्यांकन से जुड़े वे अनिवार्य प्रश्न हैं जिनका अधिक विश्वसनीय हल, द्विवेदी जी के साहित्य से गुज़रकर पाया जा सकता है। लेखक पूरी ज़िम्मेदारी के साथ आचार्य द्विवेदी और आचार्य शुक्ल की स्पष्टत: भिन्न प्राथमिकताओं, दृष्टियों, विश्वासों और उपकरणों की व्याख्या करते हैं। यहाँ लेखक की दृष्टि स्वाभाविक रूप से दोनों आचार्यों की दृष्टिगत समानता के साथ-साथ उनके अन्तर्विरोधों और उनकी सीमाओं पर भी जाती है।

लेखक के सामने दूसरी चुनौती वे प्रगतिशील आलोचक हैं जो अपने दृष्टिरोध के कारण द्विवेदी जी को लेकर लगातार दुविधा और असुविधा में पड़े हुए हैं। यही कारण है कि कहीं-कहीं द्विवेदी जी के निष्कर्ष वस्तुवादी आलोचकों की अपेक्षा कहीं ज़्यादा ठोस और प्रामाणिक प्रतीत होते हैं। इन मुद्‌दों को पूरी सावधानी से देखता हुआ लेखक अपना निष्कर्ष प्रस्तुत करता है कि आचार्य द्विवेदी के चिन्तन का मुख्य आयाम समाजवादी मानवतावाद है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 217p
Price ₹400.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Chauthiram Yadav

Author: Chauthiram Yadav

चौथीराम यादव

जन्म : 29 जनवरी, 1941; उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के एक गाँव कायमगंज में।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा जौनपुर जनपद के स्कूल और कॉलेजों में। स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएच.डी. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से।

नवम्बर 1971 से जनवरी 2003 तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्‍यापन। प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष पद से सेवामुक्त।

प्रमुख कृतियाँ : 'छायावादी काव्य : एक दृष्टि', 'मध्यकालीन भक्ति काव्य में विरहानुभूति की व्यंजना', 'हिन्दी के श्रेष्ठ रेखाचित्र', 'हजारीप्रसाद द्विवेदी का समग्र पुनरावलोकन’, ‘लोकधर्मी साहित्‍य की दूसरी धारा’, ‘लोक और वेद : आमने-सामने’ आदि।

यात्रा : नीदरलैंड की सांस्कृतिक यात्रा; 'दि हेग', 'रोटरडम' एवं 'एम्सटर्डम' में भक्ति-आन्दोलन और तुलसीदास से सम्बन्धित व्याख्यान हेतु यात्रा।

सम्‍मान : ‘कबीर सम्‍मान’, ‘लोहिया साहित्‍य सम्‍मान’, ‘साहित्‍य साधना सम्‍मान’ आदि।

ईमेल : cryadavvns@gmail.com

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