Har Kavita Kuchh Kahti Hai

Author: Kalpana Verma
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Har Kavita Kuchh Kahti Hai
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अपना तीसरा कविता-संग्रह मैं अपने पाठकों को सौंप रही हूँ। एक शिशु की तरह देखभाल करके मैंने संग्रह की कविताओं को पालने की कोशिश की है। एहसासों के साथ अपने होने को महसूस किया है। एक ओर ज़िन्दगी की अज़ब कहानी चल रही है तो दूसरी ओर चार दृश्यों का सच है। प्यार और पैसे की जंग में भौतिकता की जीत का जश्न है। डिमेंशिया और सुडोकू जैसे ग्रहण भी हैं। केबल टी.वी. की जकड़न का अपना अन्दाज़ है। बूँद भी छलकती है, चलते-चलते, सब आ जाता है के विस्तार में अनुभवों की पकड़ है। विचारों की आवाजाही से कलम को गति मिली है। यह पुस्तक इस गति का एक पड़ाव है। पड़ाव पर ठहरने के बाद आगे की मंजिल दिखने लगी है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 152p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Kalpana Verma

Author: Kalpana Verma

डॉ. कल्पना वर्मा
जन्म : इलाहाबाद में।
शिक्षा : डी.फ़िल, फ़ोटोग्राफ़ी में सार्टिफ़िकेट कोर्स, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
विगत 30 वषों से अध्ययन, अध्यापन, सृजन में संलग्न। विविध शोध-पत्र राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित है। राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन तथा उनमें भागीदारी।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘काल : आमने-सामने’ (संवेदनात्मक कोलाज), ‘विजयिनी मानवता हो जाए’ (सर्जनात्मक लेखन), ‘समकालीन विमर्श’, ‘साहित्य और समकालीनता’, ‘परम्परा और आधुनिकता’, ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास : बोधगम्य पाठ’ (आलोचनात्मक निबन्ध); ‘कुहासे के बाद’, ‘शब्दों की नज़र से’ (काव्य-संग्रह); ‘समकालीन लेखन और आधुनिक संवेदना’, ‘भूमंडलीकरण और हिन्दी’, ‘नवजागरण और प्रसाद की समकालीनता’ आदि (सम्‍पादन)।
सम्प्रति : अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, आर्यकन्या डिग्री कॉलेज, प्रयागराज।

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