Ghar Ki Vyawastha Kaise Karen ?

Author: Ram Krishna
Edition: 2008, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Ghar Ki Vyawastha Kaise Karen ?

संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार की अवधारणा ने घर के मायने ही बदल दिए हैं। पहले हम ज़्यादातर कामों के लिए घर के दूसरे सदस्यों पर निर्भर रहते थे, अब हमें स्वयं अपनी व्यवस्था करनी पड़ती है। ऐसे में अनेक छोटी-मोटी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी हो जाता है, घर का सही प्रबन्धन न हो तो कभी-कभी छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी आपको पूरा दिन तनाव में गुज़ारना पड़ सकता है। दूसरी तरफ़ घरों में जगह की कमी के चलते भी घर की व्यवस्था करना कठिन होता जा रहा है। अब एक या दो कमरों में ही अपने सामान को व्यवस्थित करना पड़ता है। फिर घर की व्यवस्था करते समय घर के बाक़ी सदस्यों का भी ध्यान रखना होता है। यह पुस्तक हमें बताती है कि देखने में छोटी लगनेवाली इन बड़ी समस्याओं से कैसे निबटा जाए। महत्त्वपूर्ण काग़ज़ात को कैसे, कहाँ सँभालें। कपड़ों की साज-सज्जा, खान-पान का चुनाव, साफ़-सफ़ाई, फ़र्स्ट एड बॉक्स और ऐसी ही तमाम चीज़ों के समुचित प्रबन्धन की जानकारी इससे मिलती है।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2008
Edition Year 2008, Ed. 1st
Pages 179p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Author: Ram Krishna

रामकृष्ण

७ जून, 1919 में ग्राम भदस्याना, जिला गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश ,में जन्मे डॉ. राम कृष्ण ने इलाहबाद विश्वविद्यालय स कृषि में, स्नातक की डिग्री तथा वाराणसी से वनस्पति शास्त्र से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के पश्चात आगरा विश्वविद्यालय से एग्रोनोमी में पी.एच.डी. की उपाध अर्जित की और उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि निदेशक के पद पर आसीन हुए . उसके बाद तीन वर्षों तक रामगंगा कमांड एरिया अथोरिटी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं प्रशासन रहे

उन्होंने एशिया, यूरोप उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका, मह्द्वीप के लगभग 25 देशों का भ्रमण अध्धयन एवं प्रशिक्षण के लिए किया. उन्होंने कृषि के विअशय  में दो पुस्तकें अंग्रेजी में लिखी हैं और उनमें से एक का हिंदी अनुवाद छप चुका है. १९७० में नौकरी से अवकाश प्राप्त करने के बाद वह निरंतर समाजसेवी कार्यों में जुटे रहे और देश के कई समाजसेवी संस्थाओ के सक्रिय सदस्य रहे

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