कॉपीराइट यानी प्रतिलिपि अधिकार का जन्म मौलिक सृजन और उसके व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए हुआ था। लेकिन कॉपीराइट के मामले छापाख़ाने के आविष्कार के बाद उठना शुरू हुए। इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय ने पुस्तकों की नक़ल पर रोक लगाने के लिए 1662 में लाइसेंसिंग एक्ट पास किया। लेकिन पहला कॉपीराइट क़ानून 1709 में पास किए गए क़ानून को ही माना जाता है।
कॉपीराइट पुस्तकों का ही नहीं संगीत, गीत, फ़िल्म, फ़ोटोग्राफ़ी, कला, वास्तुकला से लेकर सॉफ़्टवेयर तक हर क्षेत्र में सम्भव है और यह केवल एक देश का मसला नहीं है। 1886 में बर्न सम्मेलन में इसके अन्तरराष्ट्रीय रूप का निर्धारण हुआ। 1995 में विश्व व्यापार संगठन बनने के बाद से इसका और विस्तार हो रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय प्रतिलिपि अधिकार अधिनियम—1957 एवं प्रतिलिपि अधिकार नियमावली—1958 दोनों के उल्लेख हैं। इस अधिनियम की सम्पूर्ण जानकारी होने से रचनाकार यानी कलाकार, संगीतकार, लेखक आदि अपनी बौद्धिक सम्पदा की रक्षा कर सकते हैं। इस अर्थ में इस पुस्तक को सम्पूर्ण मार्गदर्शिका कहा जा सकता है जो लेखक, रचनाकार और प्रकाशक, सभी के लिए उपयोगी साबित होगी।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2008 |
Edition Year | 2008, Ed. 1st |
Pages | 144p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 1 |