Chaunsath Sutra Solah Abhiman : Kamsutra Se Prerit-Hard Back

Author: Avinash Mishra
ISBN: 9789388753920
Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹254.15 Regular Price ₹299.00
15% Off
In stock
SKU
9789388753920
- +
Share:

अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं। इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं। कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—‘कामसूत्र’। ‘वात्स्यायन’ कृत कामसूत्र। इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है। कवि प्रेम और कामरत प्रेमी भी रहता है और दृष्टाकवि भी। वात्स्यायन की शास्त्रीय शैली उसे शायद अपने विराम, और अल्पविराम पाने, वहाँ रुकने और अपने आप को, अपनी प्रिया को,  और अपने प्रेम को देखने की मुहलत पाना आसान कर देती है, जहाँ ये कविताएँ आती हैं और होती हैं। यह शैली न होती तो वह प्रेम में डूबने, उसमें रहने, उसे जीने-भोगने की प्रक्रिया को शायद इस संलग्नता और इस तटस्थता से एक साथ नहीं देख पाता।

कोई इन कविताओं को सायास रचा गया कौतुक भी कह सकता है, लेकिन इनका आना और होना इन कविताओं के शब्दों और शब्दान्तरालों में इतना मुखर है कि आप इनकी अनायासता और प्रामाणिकता से निगाह नहीं बचा सकते। ये उतनी ही प्राकृतिक कविताएँ हैं, जितना प्राकृतिक प्रेम होता है, जितना प्राकृतिक काम होता है।

काम की चौंसठ कलाएँ और स्त्री के सोलह शृंगार– इस संग्रह की 80 कविताओं के आलम्बन यही हैं।

इन कविताओं को पढ़ना प्रेम में होने, उसे जीने, अनुभूत करने की प्रक्रिया से गुज़रने या स्मृति-आस्वाद को दुहराने जैसा है। कवि का अनुभव-सत्य पाठक के जीवनानुभव के आस्वाद को नया अर्थ देने जैसा है।

किताब संग्रहणीय भी है, सुन्‍दर प्रेम-उपहार भी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 104p
Price ₹299.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18.5 X 12 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Chaunsath Sutra Solah Abhiman : Kamsutra Se Prerit-Hard Back
Your Rating
Avinash Mishra

Author: Avinash Mishra

अविनाश मिश्र

5 जनवरी, 1986 को गाजियाबाद में जन्म। शुरुआती शिक्षा और जीवन उत्तर प्रदेश के कानपुर में। आगे की पढ़ाई, लिखाई, संघर्ष और आजीविका के लिए 2004 से दिल्ली के आस-पास रहनवारी और बीच-बीच में दिल्ली से दूर प्रवास। कविता, आलोचना और पत्रकारिता के इलाक़े में सक्रिय। कुछ प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में सेवाएँ दीं और लगभग सभी प्रतिष्ठित प्रकाशन माध्यमों पर रचनाएँ और साहित्यिक पत्रकारिता से सम्‍बन्धित काम प्रकाशित। ‘अज्ञातवास की कविताएँ’ शीर्षक से कविताओं की पहली किताब साहित्य अकादेमी से छपकर आई। ‘नए शेखर की जीवनी’ प्रकाशित। फ़‍िलहाल आलोचना की एक किताब पर काम और विश्व कविता और अन्य कलाओं की पत्रिका ‘सदानीरा’ का सम्‍पादन कर रहे हैं।

 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top