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Bisat Par Jugnu-Hard Cover

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9789389598254
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‘बिसात पर जुगनू’ सदियों और सरहदों के आर-पार की कहानी है। हिन्‍दुस्तान की पहली जंगे-आज़ादी के लगभग डेढ़ दशक पहले के पटना से शुरू होकर यह 2001 की दिल्ली में ख़त्म होती है। बीच में उत्तर बिहार की एक छोटी रियासत से लेकर कलकत्ता और चीन के केंटन प्रान्त तक का विस्तार समाया हुआ है। गहरे शोध और एतिहासिक अन्‍तर्दृष्टि से सम्पन्न इस कथा में इतिहास के कई विलुप्त अध्याय और उनके वाहक चरित्र जीवन्त हुए हैं। यहाँ 1857 के भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम की त्रासदी है तो पहले और दूसरे अफीम युद्ध के बाद के चीनी जनजीवन का कठिन संघर्ष भी। इनके साथ-साथ चलती है, समय के मलबे में दबी पटना कलम चित्र-शैली की कहानी, जिसे ढूँढ़ती हुई ली-ना, एक चीनी लड़की, भारत आई है। यहाँ फिरंगियों के अत्याचार से लड़ते दोनों मुल्कों के दु:खों की दास्तान एक-सी है और दोनों ज़मीनों पर संघर्ष में कूद पड़नेवाली स्त्रियों की गुमनामी भी एक-सी है। ऐसी कई गुमनाम स्त्रियाँ इस उपन्यास का मेरुदंड हैं। ‘बिसात पर जुगनू’ कालक्रम से घटना-दर-घटना बयान करनेवाला सीधा (और सादा) उपन्यास नहीं है। यहाँ आख्यान समय में आगे-पीछे पेंगें भरता है और पाठक से, अक्सर ओझल होते किंवा प्रतीत होते कथा-सूत्र के प्रति अतिरिक्त सजगता की माँग करता है।

—संजीव कुमार

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 303p
Price ₹899.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Vandana Rag

Author: Vandana Rag

वन्दना राग

वन्दना राग मूलत: बिहार के सीवान ज़‍िले से हैं। जन्म इन्दौर मध्य प्रदेश में हुआ और पिता की स्थानान्तरण वाली नौकरी की वजह से भारत के विभिन्न शहरों में स्कूली शिक्षा पाई। 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. किया। पहली कहानी ‘हंस’ में 1999 में छपी और फिर निरन्‍तर लिखने और छपने का सिलसिला चल पड़ा। तब से कहानियों की चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं—‘यूटोपिया’, ‘हिजरत से पहले’, ‘ख़यालनामा’ और ‘मैं और मेरी कहानियाँ’। इसके अलावा अनेक अनुवाद कर चुकी है जिनमें प्रख्यात इतिहासकार ई.जे. हॉब्सबाम की किताब ‘एज ऑफ़ कैपिटल’ का अनुवाद ‘पूँजी का युग’ शीर्षक से किया है। यदा-कदा अख़बारों में सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर लिखती रहती हैं। ‘बिसात पर जुगनू’ इनका पहला उपन्यास है।

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