Bhavbhuti Katha

Author: Mahesh Katare
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Bhavbhuti Katha
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भवभूति आठवीं सदी में हुए थे। नाटककार थे, कवि थे। संस्कृत में लिखे उनके नाटकों को कालिदास की रचनाओं के बराबर माना जाता है।

यह उपन्यास उनके जीवन पर आधारित है, जिसकी मुख्य कथाधारा ब्राह्मण होने के बावजूद नाट्य-कर्म में उनकी प्रवृत्ति और उसके चलते अपने समाज में उनके संघर्ष के साथ-साथ चलती है।

महेश कटारे इससे पूर्व भर्तृहरि पर केन्द्रित एक अत्यन्त लोकप्रिय उपन्यास की रचना कर चुके हैं। भारत के सांस्कृतिक इतिहास के उल्लेखनीय पड़ावों को औपन्यासिक कलेवर में प्रस्तुत करते हुए वे तत्कालीन तथ्यों और आज के प्रश्नों को बराबर ध्यान में रखते हैं। देश, काल और पात्रानुकूल भाषा तथा जीवन-व्यवहार के विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए वे एक तरफ जहाँ अतीत को मूर्तिमान कर देते हैं, वहीं मानव-समाज और व्यवस्था के लिए हमेशा प्रासंगिक रहने वाले मुद्दों को भी अनदेखा नहीं करते।

भवभूति के बहुव​र्णी चरित्र पर केन्द्रित यह उपन्यास भी उसका अपवाद नहीं है।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 288p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Mahesh Katare

Author: Mahesh Katare

महेश कटारे

आपका जन्म जनवरी, 1948 को ग्राम—बिल्हैटी, ज़िला—ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ। आपने असंस्थागत रहकर तीन विषयों में एम.ए. तक की पढ़ाई की। आजीविका के लिए खेती, फिर कुछ वर्ष स्कूल में अध्यापन।

आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘समर शेष है’, ‘इतिकथा अथकथा’, ‘मुर्दा स्थगित’, ‘पहरुआ’, ‘छछिया भर छाछ’, ‘सात पान की हमेल’, ‘मेरी प्रिय कथाएँ’, ‘गौरतलब कहानियाँ’ (कहानी); ‘महासमर का साक्षी’, ‘अँधेरे युगान्त के’, ‘पचरंगी’ (नाटक); ‘पहियों पर रात दिन’, ‘देस बिदेस दरवेश’ (यात्रावृत्त); ‘कामिनी काय कांतारे, ‘कालीधार’ (शीघ्र प्रकाश्य) (उपन्यास); ‘समय के साथ-साथ’, ‘नज़र इधर-उधर’ (अन्य)।

प्रायः सभी हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, नाट्य-समीक्षाएँ आदि प्रकाशित, नृत्य-नाटिकाओं का मंचन-प्रसारण।

आप ‘सारिका सर्वभाषा कहानी प्रतियोगिता-1983’ में प्रथम, ‘वागीश्वरी सम्मान’, म.प्र.सा. परिषद का ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, म.प्र.सा. अकादेमी से ‘सुभद्रा कुमारी चौहान राष्ट्रीय पुरस्कार’, ‘बिहार राजभाषा परिषद् सम्मान’, ‘शमशेर सम्मान', ‘कथाक्रम सम्मान’, ‘ढींगरा फ़ाउंडेशन कथा सम्मान’ (स्कारबरो, कनाडा), ‘कुसुमांजलि सम्मान-2015’ से सम्मानित किए जा चुके हैं।

फ़िलहाल आप खेती और लेखन में व्यस्त हैं।

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