Araj-Nihora-Hard Back

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9789389577389
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अगर आप भोजपुरी की मौजूदा सांस्कृतिक मुख्यधारा के साथ आलोचनात्मक सम्बन्ध विकसित करते हुए भोजपुरी जातीयता की पुनर्खोज करना चाहते हैं, अगर आप जीवन-संघर्षों के रस में सनी-पगी भोजपुरी की दूसरी परम्‍परा से अपने को जोड़ते हैं, अगर आप दया और घृणा के ध्रुवों के बीच विकसित होते इस इलाक़े के जीवन से कोई साबक़ा रखते हैं, तब यह संग्रह आपके ही लिए है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, 1st Ed.
Pages 151p
Price ₹395.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Prakash Uday

Author: Prakash Uday

प्रकाश उदय

जन्म : 20 अगस्त, 1964

हिन्‍दी-भोजपुरी की कविताई-कथक्कड़ी-बतकही में कभी-कभी और कहीं-कहीं कुछ-कुछ शामिल। एक कविता-किताब ‘बेटी मरे त मरे कुँआर’ प्रकाशित (1988)। ‘हिन्‍दी की जनपदीय कविता’ और ‘हिन्‍दी का जनपदीय गद्य’ के भोजपुरी खंड का सम्‍पादन। ‘वाचिक कविता : भोजपुरी’,  ‘भोजपुरी-हिन्‍दी-अंग्रेज़ी शब्दकोश’, ‘लोक और शास्त्र : अन्वय और समन्वय’ और कुछ और-और किताबों के सम्‍पादन में सहयोग। भोजपुरी पत्रिका ‘समकालीन भोजपुरी साहित्य’ और हिन्‍दी पत्रिका ‘प्रसंग’ के सम्‍पादन से सम्‍बद्ध। ‘भारतीय भाषा लोक सर्वेक्षण’ के खंड 29, भाग-1 में भोजपुरी, विशेषत: उत्तर प्रादेशिक भोजपुरी का परिचय।

सम्प्रति : श्री बलदेव पी.जी. कॉलेज, बड़ागाँव, वाराणसी में अध्यापन।

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