Anuvad : Siddhant Avam Vyavahar

Edition: 2024, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Anuvad : Siddhant Avam Vyavahar

यद्यपि अनुवाद विषय पर अभी तक लगभग पन्‍द्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, परन्तु सभी की विषय-व्याप्ति अलग-अलग है। विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर अनुवाद सम्बन्धी समस्त जानकारी आसान व संक्षिप्त रूप में मिल सके, यह पुस्तक इस उद्‌देश्य से लिखी गई है। हिन्‍दी को राजभाषा के रूप में केन्द्रीय सरकार के उपक्रमों, सरकारी कार्यालयों तथा बैंकों में लागू कर दिए जाने से हिन्‍दी अनुवादक एवं हिन्‍दी अधिकारी पदों हेतु लिखित परीक्षा में अनुवाद भी दिया जाता है। अत: लिखित परीक्षा देनेवाले अभ्यर्थियों को भी अनुवाद हेतु अधिकतम जानकारी प्राप्त हो सके, इसे भी ध्यान में रखकर कुछ नए अध्याय जोड़े गए हैं। इसके अलावा यह पुस्तक उनके लिए भी उपयोगी होगी जो अनुवाद के क्षेत्र में नए-नए हैं अथवा आरम्भिक स्तर पर अनुवाद शिक्षण से जुड़े हैं, जैसे—बीएड, पाठ्‌यक्रम व भाषाविज्ञान में डिप्लोमा जैसे विषयों में भी अनुवाद विषय रखा जाता है, अत: इसके स्तर को भी ध्यान में रखकर यह पुस्तक लिखी गई है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2000
Edition Year 2024, Ed. 3rd
Pages 166p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Dr. Jayanti Prasad Nautiyal

Author: Dr. Jayanti Prasad Nautiyal

डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल

जन्म : 3 मार्च, 1956; देहरादून (उत्तरांचल)।

हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से एम.ए., हिन्‍दी साहित्य में स्वर्ण पदक, डी.फ़ि‍ल्. (डॉक्टर ऑफ़ फ़ि‍लासफ़ी) की अपाधि‍। एल.एल.बी. (श्रमिक विधि एवं औद्योगिक सम्बन्ध पर विशेष अध्ययन)। मुम्बई विश्वविद्यालय में ढाई वर्ष तक पीएच.डी. हेतु (डबल डाक्टरेट) प्रयोगधर्मी उपन्यासों पर शोधकार्य किया। आई.जी.डी. (कला डिप्लोमा), साहित्य रत्न, वित्त प्रबन्ध, व्यापारविधि एवं कराधान में विशेषीकृत प्रबन्‍धकीय प्रशिक्षण प्राप्त। प्रशिक्षण ‘ए’ श्रेणी में उत्तीर्ण। अनुवाद डिप्लोमा, संस्कृत शास्त्री, सी.ए.आई.बी., (भारतीय बैंकर संस्थान), डी.लिट्. (शोधरत), डी.बी.एम. (II) सहित कई डिग्रियाँ एवं डिप्लोमा प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्राप्त किए।

वन अनुसंधान संस्थान एवं महाविद्यालय, देहरादून; ओ.एन.जी.सी., बड़ौदा; नागरिक सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश में वार्डन रहे। सम्पादक, पत्रकार, अध्यापक, चित्रकार आदि अनेक रूपों में कार्य किया। दृष्टिबधितार्थ राष्ट्रीय संस्थान में रीडर रहे। कई वर्षों से कॉरपोरेशन बैंक के विभिन्न विभागों में एसोशि‍एट फैकल्टी, शाखा परिचालन, विपणन, जनसम्पर्क, कृषि-व्यापार विकास आदि में कार्य किया।

एम.ए. हिन्‍दी के विद्यार्थियों के लिए कथा मानस मीमांसा और पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के निबन्धों का आलोचनात्मक अध्ययन। बैंकिंग, वाणिज्य आदि विषयों पर अब तक कई पुस्तकें प्रकाशित। भारतीय बैंकर संस्थान, मुम्बई की सी.ए.आई.आई.बी. परीक्षा हेतु ‘बैंक प्रबन्‍धन के सिद्धान्त’ नामक पुस्तक के सह-लेखक। पत्रिकाओं/समाचार-पत्रों में सैकड़ों लेख प्रकाशित, दर्जनों पुस्तकों के संयुक्त अनुवाद प्रकाशित।

भारतीय बैंक संघ की हिन्‍दी समिति के सदस्य, भारतीय बैंकर संस्थान की अनुवाद समिति के सदस्य, राष्ट्रीय बैंक प्रबन्ध संस्थान, पुणे की हिन्‍दी समिति के सदस्य रहे। साहित्यिक सेवा हेतु कॉरपोरेशन बैंक द्वारा पुरस्कृत। ‘उद्योग, रोज़गार एवं बैंक सहायता’ पुस्‍तक उद्योग मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत। इसी तरह कई राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों से सम्‍मानित।

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