Dr. Jayanti Prasad Nautiyal
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डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल
जन्म : 3 मार्च, 1956; देहरादून (उत्तरांचल)।
हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से एम.ए., हिन्दी साहित्य में स्वर्ण पदक, डी.फ़िल्. (डॉक्टर ऑफ़ फ़िलासफ़ी) की अपाधि। एल.एल.बी. (श्रमिक विधि एवं औद्योगिक सम्बन्ध पर विशेष अध्ययन)। मुम्बई विश्वविद्यालय में ढाई वर्ष तक पीएच.डी. हेतु (डबल डाक्टरेट) प्रयोगधर्मी उपन्यासों पर शोधकार्य किया। आई.जी.डी. (कला डिप्लोमा), साहित्य रत्न, वित्त प्रबन्ध, व्यापारविधि एवं कराधान में विशेषीकृत प्रबन्धकीय प्रशिक्षण प्राप्त। प्रशिक्षण ‘ए’ श्रेणी में उत्तीर्ण। अनुवाद डिप्लोमा, संस्कृत शास्त्री, सी.ए.आई.बी., (भारतीय बैंकर संस्थान), डी.लिट्. (शोधरत), डी.बी.एम. (II) सहित कई डिग्रियाँ एवं डिप्लोमा प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्राप्त किए।
वन अनुसंधान संस्थान एवं महाविद्यालय, देहरादून; ओ.एन.जी.सी., बड़ौदा; नागरिक सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश में वार्डन रहे। सम्पादक, पत्रकार, अध्यापक, चित्रकार आदि अनेक रूपों में कार्य किया। दृष्टिबधितार्थ राष्ट्रीय संस्थान में रीडर रहे। कई वर्षों से कॉरपोरेशन बैंक के विभिन्न विभागों में एसोशिएट फैकल्टी, शाखा परिचालन, विपणन, जनसम्पर्क, कृषि-व्यापार विकास आदि में कार्य किया।
एम.ए. हिन्दी के विद्यार्थियों के लिए कथा मानस मीमांसा और पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के निबन्धों का आलोचनात्मक अध्ययन। बैंकिंग, वाणिज्य आदि विषयों पर अब तक कई पुस्तकें प्रकाशित। भारतीय बैंकर संस्थान, मुम्बई की सी.ए.आई.आई.बी. परीक्षा हेतु ‘बैंक प्रबन्धन के सिद्धान्त’ नामक पुस्तक के सह-लेखक। पत्रिकाओं/समाचार-पत्रों में सैकड़ों लेख प्रकाशित, दर्जनों पुस्तकों के संयुक्त अनुवाद प्रकाशित।
भारतीय बैंक संघ की हिन्दी समिति के सदस्य, भारतीय बैंकर संस्थान की अनुवाद समिति के सदस्य, राष्ट्रीय बैंक प्रबन्ध संस्थान, पुणे की हिन्दी समिति के सदस्य रहे। साहित्यिक सेवा हेतु कॉरपोरेशन बैंक द्वारा पुरस्कृत। ‘उद्योग, रोज़गार एवं बैंक सहायता’ पुस्तक उद्योग मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत। इसी तरह कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित।