Akshaya Patra-Hard Back

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बिन्दु भट्ट का प्रथम प्रकाशित डायरी शैली का प्रयोगशील उपन्यास ‘मीरा याज्ञिक की डायरी’ एक ओर आधुनिकतावादी व्यक्ति-चेतना से जुड़ा था तो दूसरी ओर वह समलैंगिक संस्कार के कारण उत्तर-आधुनिकता को भी स्पर्श करता था; परन्तु उनका दूसरा उपन्यास ‘अक्षय पात्र’ बीसवीं शती के अन्तिम दौर के दो दशकों में परवान चढ़े उत्तर-आधुनिकता के स्त्रीवादी, दलितवादी तथा देशीवादी प्रवाहों के निष्कर्ष को समाविष्ट करके स्पष्टतः समकालीन सामाजिक चेतना के साथ जुड़ता है।

—डॉ. चन्द्रकान्त टोपीवाला (प्रसिद्ध समीक्षक-कवि)

 

बिन्दु भट्ट का उपन्यास ‘अक्षय पात्र’ एक नारी के जीवन की वेदना के अक्षय पात्र की कथा है। जैसे अक्षय पात्र में कभी कोई वस्तु चुकती नहीं वैसे कंचनबा के जीवन में वेदना की लहर एक के बाद एक आती ही रहती है। परन्तु यदि वेदना ही इस उपन्यास का नाभिकेन्द्र होता तो उपन्यास में जो गहराई सिद्ध हुई है, कंचनबा के जीवन में जो अवबोध तथा यथार्थ की निरामयता प्रकट हुई है, वह सम्भव नहीं थी।

—मनसुख सल्ला (प्रसिद्ध समीक्षक-निबन्धकार)

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2011
Edition Year 2021, Ed. 2nd
Pages 235p
Price ₹695.00
Translator Virendra Narayan Singh
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20 X 14 X 2
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Bindu Bhatt

Author: Bindu Bhatt

बिन्दु भट्ट

जन्म : 18 सितम्बर, 1954

शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. (हिन्दी)।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘मीरां याज्ञिक नी डायरी’ (लघु उपन्यास)—हिन्दी, सिन्धी में अनूदित, सिन्धी अनुवाद ‘साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत’। ‘आखे पातर’ (उपन्यास) मराठी, हिन्दी, राजस्थानी तथा कच्छी में अनूदित; ‘बांछणी’ (कहानी-संग्रह); ‘अद्यतन हिन्दी उपन्यास’ (शोध-प्रबन्ध); ‘आज के रंग नाटक’ (तुलनात्मक समीक्षा-ग्रन्थ); ‘अंधी गली’ (धीरू बेन पटेल के गुजराती उपन्यास का हिन्दी अनुवाद); ‘अपभ्रंश व्याकरण’ (हरिवल्लभ भायाणी के ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद); ‘बीजाना पग’ (श्रीकान्‍त वर्मा की कहानियों का गुजराती में अनुवाद, डॉ. भोलाभाई पटेल के साथ); ‘दादू दयाल’ (रामबख्श की पुस्तक का गुजराती अनुवाद); ‘फणीश्वरनाथ रेणु’ (सुरेन्द्र चौधरी की पुस्तक का गुजराती अनुवाद); ‘गुर्जर प्रवास निबन्ध संचय’ (सम्पादन : डॉ. रघुवीर चौधरी के साथ)।

पुरस्कार : ‘मीरां याज्ञिक नी डायरी’ पर ‘गोवर्धनराम पुरस्कार’; ‘आखे पातर’ गुजराती साहित्य परिषद तथा ‘साहित्य अकादेमी’, दिल्ली द्वारा पुरस्कृत।

सम्प्रति : अध्यक्ष, हिन्‍दी विभाग, उमा आर्ट्स एंड नाथीबा कॉमर्स महिला कॉलेज, गांधीनगर।

 

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