Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam

As low as ₹335.75 Regular Price ₹395.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam
- +

''हम भयावह रूप से हिंसक समय में रह रहे हैं। हिंसा, हत्या, आतंक, मारपीट, असहिष्णुता, घृणा आदि भीषण दुर्भाग्य से एक नई नागरिक शैली ही बन गए हैं। असहमति की जगह समाज और सार्वजनिक संवाद में तेज़ी से सिकुड़ रही है। हमारे युग में अहिंसा के सबसे बड़े सार्वजनिक प्रयोक्ता महात्मा गाँधी का 150वाँ वर्ष हमने हाल ही में मनाया है। रज़ा निजी रूप से गाँधी जी से बहुत प्रभावित थे। ‘रज़ा पुस्तक माला’ के अन्तर्गत हम गाँधी-दृष्टि, जीवन और विचार से सम्बन्धित सामग्री नियमित रूप से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नन्दकिशोर आचार्य ने एक बौद्धिक के रूप में अहिंसा पर लम्बे अरसे से बहुत महत्त्वपूर्ण काम किया है। एक ऐसे दौर में जब भारत में क्षुद्र वीरता और नीच हिंसा को अहिंसा से बेहतर बताया जा रहा है और संस्कृति के नाम पर अनेक कदाचार रोज़ हो रहे हैं, अहिंसा की संस्कृति को समझने और उस पर इसरार करने का विशेष महत्त्व है।’’ —अशोक वाजपेयी

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 129p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam
Your Rating
Nandkishore Acharya

Author: Nandkishore Acharya

नन्दकिशोर आचार्य

31 अगस्त, 1945 को बीकानेर में जन्मे नन्दकिशोर आचार्य विविध विधाओं में अपनी सृजनात्मकता के लिए ‘साहित्‍य अकादेमी पुरस्‍कार’, ‘मीरा पुरस्कार’, ‘बिहारी पुरस्कार’, ‘राजस्थान संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार’, ‘भुवनेश्वर पुरस्कार’, ‘नरेश मेहता स्मृति सम्मान’, ‘सुब्रह्मण्यम् भारती पुरस्कार’, ‘केन्द्रीय संगीत-नाटक अकादेमी पुरस्कार’, ‘महाराणा कुम्भा पुरस्कार’ तथा ‘भुवालका जनकल्याण ट्रस्ट’ द्वारा सम्मानित हुए हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी वि.वि., वर्धा तथा प्राकृत भारती अकादेमी में अतिथि लेखक रहने के अलावा आईआईआईटी, हैदराबाद में प्रोफ़ेसर ऑफ़ एमिनेंस के रूप में भी कार्य किया है।

अज्ञेय द्वारा सम्पादित 'चौथा सप्तक’ के कवि नन्दकिशोर आचार्य के अब तक बारह कविता-संग्रह, आठ नाटक, सात साहित्यिक आलोचना की पुस्तकें एवं संस्कृति, शिक्षा, राजनीतिक-आर्थिक चिन्तन, मानवाधिकार एवं गाँधी दर्शन पर केन्द्रित बारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अज्ञेय, निर्मल वर्मा, उर्दू कवियों एवं अन्य कई लेखकों की संचयिताओं-चयनिकाओं के सम्पादन के अतिरिक्त उन्होंने 'अहिंसा विश्वकोश’ का सम्पादन भी किया है जिसे अहिंसा-दर्शन के क्षेत्र में एक अप्रतिम योगदान माना गया है। कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में रचना-पाठ एवं व्याख्यान के लिए आमंत्रित आचार्य इंग्लैंड, चीन, इंडोनेशिया, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका तथा नेपाल की साहित्यिक-शैक्षणिक यात्राएँ कर चुके हैं। उन्होंने रियोकान, जोसेफ़ ब्रादस्की, लोर्का, अर्नाल्ड वेस्कर तथा एम.एन. रॉय के लेखन के अतिरिक्त कई आधुनिक अरबी तथा यूरोपीय लेखकों की रचनाओं के अनुवाद भी किए हैं।

Read More
Books by this Author
Back to Top